200+ किसान स्टेटस शायरी - Farmer Status in Hindi 2024

Farmer Status in Hindi - खेती और कृषि हमारे समाज की रीढ़ है। किसानों के बिना, हमारे पास भोजन और अन्य बुनियादी आवश्यकताओं तक पहुंच नहीं होगी। इस झूठे आज की पोस्ट है हम किसान भाईयो के लिए Farmer Status Shayari in Hindi में लेकर आये है। उम्मीद है के आपको यह पोस्ट पसंद आएगी।

200+ किसान स्टेटस शायरी - Farmer Status, Shayari, Quotes in Hindi 2021

200+ किसान पर स्टेटस, शायरी और कोट्स 2024

ज़िन्दगी में कुछ भी बनिये मगर दिल से “किसान ”

जरूर बने रहो क्योकिं किसान सिर्फ अपने परिवार

को नही पालता बल्कि वह ‘ईमानदारी’ और “स्वाभिमानिता”

को भी ज़िन्दगी भर पालता है!🙏🙏

 

सभी का पेट भरने वाला किसान,

खुद अपने घर में भुखमरी से परेशान है।

 

अपना पेट काटकर जो हमे खाना खिलाये वो है किसान ।

और ज्यादा क्या बोलू खाना देने वाला दूसरा भगवान है किसान🙌👏❤️

 

कितना भी डिजीट्ल हो जाये हिन्दूस्तान,

लेकिन देश की शान, देश का किसान।।

 

अपनी फसलों को आधे भाव में बेचकर भी वो किसान हमेशा खुश रहता हैं…

क्योंकि उसे अपनी कमाई से ज्यादा दूसरों का पेट भरने में आनंद आता हैं…

 

क्यों ना सजा दी पेड़ काटने वाले शैतान को

खुदा तूने सजा दे दी सीधे-सादे किसान को.

 

भगवान का सौदा करता हैं,

इंसान की क़ीमत क्या जाने?

जो “धान” की क़ीमत दे न सक,

वो “जान ” की क़ीमत क्या जाने?

 

ये मौसम भी कितना बेईमान हैं,

बारिश न होने की वजह से मरा इक किसान हैं.

 

कोई परेशान हैं सास-बहू के रिश्तो में,

किसान परेशान हैं कर्ज की किश्तों में

 

किसान के लड़के ने अपने नाम के आगे “डाक्टर” जोड़ लिया,

गाँव में हल ने कोने में पड़े-पड़े दम तोड़ दिया.

 

उन घरो में जहाँ मिट्टी के घड़े रहते हैं,

कद में छोटे हो, मगर लोग बड़े रहते हैं.

 

ग़रीब के बच्चे भी खाना खा सके त्योहारों में,

तभी तो भगवान खुद बिक जाते हैं बाजारों में.

 

क्या दिखा नही वो खून तुम्हें,

जहाँ धरती पुत्र का अंत हुआ,

सच को ये सच नही मान रहा,

लो आँखों से अँधा भक्त हुआ.

 

खेतों को जब पानी की जरूरत होती है,

तो आसमान बरसता है या तो आँखें।

 

कितने अजब रंग समेटे हैं, ये बेमौसम बारिश खुद में,

अमीर पकौड़े खाने की सोच रहा हैं तो किसान जहर…

 

मत मारो गोलियो से मुझे मैं पहले से एक दुखी इंसान हूँ,

मेरी मौत कि वजह यही हैं कि मैं पेशे से एक किसान हूँ.

 

परिश्रम की मिशाल हैं, जिस पर कर्जो के निशान हैं,

घर चलाने में खुद को मिटा दिया, और कोई नही वह किसान हैं.

 अन्नदाता शायरी - Farmer Status in Hindi

बढ़ रही हैं कीमते अनाज की,

पर हो न सकी विदा बेटी किसान की.

 

छत टपकती हैं उसके कच्चे मकान की,

फिर भी “बारिश” हो जाये, तमन्ना हैं किसान की.

 

हमने भी कितने पेड़ तोड़ दिए,

संसद की कुर्सियों में जोड़ दिए,

कुआँ बुझा दिए, नदियाँ सुखा दिए,

विकास की ताकत से कुदरत को झुका दिए.

 

ये सिलसिला क्या यूँ ही चलता रहेगा,

सियासत अपनी चालों से कब तक किसान को छलता रहेगा.

 

एक बार आकर देख कैसा, ह्रदय विदारक मंजर हैं,

पसलियों से लग गयी हैं आंते, खेत अभी भी बंजर हैं.

 

मुफ़्त की कोई चीज बाजार में नहीं मिलती,

किसान के मरने की सुर्खियां अखबार में नहीं मिलती।

 

ये जो खुद को राशन की कतारों में खड़ा पाता हूँ मैं,

खेतों से बिछड़ने की सजा पाता हूँ मैं.

 

एक ईमानदार किसान को डरे सहमे हुए देखा है,

मेहनत करने के बावजूद भूख से लड़ते हुए देखा है,

 

उन घरो में जहाँ मिट्टी के घड़े रहते हैं,

कद में छोटे हो, मगर लोग बड़े रहते हैं.

 

शहर मे ओलावृष्टि से, शहरी बहुत खुश होते है बर्फ़बारी समझकर..

कभी मिलजाए फुर्सत तो महसूस करियेगा दर्द, खुद को गांव का किसान समझकर..

 

मुझे वो भले कहते रहे, ” मैं कृषि प्रधान हूँ”

देखो ये चिथड़े पहने हुए मैं ही हिंदुस्तान हूँ,

जाति – कर्म और धर्म से बस में किसान हूँ,

हर नुमाइश में मिलूंगा,अब मैं चीथड़े पहने हुए,

कल भले ही शान था , पर आज मैं कंगाल हूँ,

पेट भर रहा हूँ देश का,पर आज अब परेशान हूँ,

मुझे वो भले कहते रहे, “मैं कृषि प्रधान हूँ”

चीथड़ों में लिपटा हुआ मैं आज का हिंदुस्तान हूँ,

 

जमीन जल चुकी है आसमान बाकी है,

सूखे कुएँ तुम्हारा इम्तहान बाकी है,

वो जो खेतों की मेढ़ों पर उदास बैठे हैं,

उनकी आखों में अब तक ईमान बाकी है,

बादलों बरस जाना समय पर इस बार,

किसी का मकान गिरवी तो किसी का लगान बाकी है।

 

कौन अब कहा किसान से

बात करते है,

यू ही रोज हसीन सपनों की

बात करते है !!

 

गांव से शहर घूमने आये एक किसान ने क्या खूब लिखा है,

चिन्ता वहाँ भी थी चिन्ता यहाँ भी हैं, गांव में तो केवल #फसले ही खराब होती थी, शहर में तो पूरी #नस्ले ही खराब है !!

 

मेहनत की मिशाल है

जिन पर ऋणों के निशाँ है

हल चलाने में स्वयं को मिटा दिया

वो ओर कोई नही मेरे देश का किसान है !!

 Kisan Shayari | Farmer Shayari | Kisan Status | Farmer Status in Hindi

क्यों न लटकाया वन काटने वाले शैतान को

बिना सोचे तूने सीधी सजा दी मेरे किसान को !!

 

छोटे छोटे हाथों में छाले हो जाते हैं…!

किसान के बच्चे इसलिए दिलवाले हो जाते हैं..!!

यही बॉर्डर पर सेना में कुर्बान हो जाते हैं..!

किसान के बच्चे वक़्त से पहले जवान हो जाते हैं..!!

 

मर रहा सीमा पर जवान और खेतों में किसान,

कैसे कह दूँ इस दुखी मन से कि मेरा भारत महान.

 

किसानो से अब कहाँ वो मुलाकात करते हैं,

बस ऱोज नये ख्वाबो की बात करते हैं.

 

ज़िन्दगी के नगमे कुछ यूँ गाता,

मेहनत मजदूरी करके खाता,

सद्बुद्धि सबको दो दाता,

हम है, अगर हैं अन्नदाता.

 

शुक्र हैं कि बच्चे अब शर्म से नही मरेंगे,

चुल्लू भर पानी खुदा दे, दुआँ करेंगे.

 

ऐ ख़ुदा बस एक ख़्वाब सच्चा दे दे,

अबकी बरस मानसून अच्छा दे दे,

 

कि वो चढ़ गये फंदे पर अपनी फसलों

को बर्बाद होते देखकर,

सरकार कहती रही, अच्छे दिन आएंगे।।

 

बड़े बड़े ऐतिहासिक युद्धों से विमुक्त रहने वाला किसान,,

आज हर मसले मे पीसा जाता है

 

जो अपने कांधे पर देखो खुद हल लेकर चलता है

आज उसी की कठिनाइयों का हल क्यों नही निकलता है।

है जिससे उम्मीद उन्हें बस चिंता है मतदान की

टूटी माला जैसे बिखरी किस्मत आज किसान की…

 

जीसके नाम में भी सान है,

उसके लिए कया लीखे.

 

जब कोई किसान या जवान मरता है,

तो समझना पूरा हिन्दुस्तान मरता है.

 

देर शाम खेत से किसान घर नहीं आता है,

तो बच्चों का मासूम दिल सहम जाता है.

 

कहाँ ले जाओगे किसान के हक का दाना,

इस दुनिया को एक दिन तुमको भी है छोड़ जाना।

 

खेतों का पानी अब आखों में आ गया हैं,

मेरे गाँव का किसान अब शहर में आ गया हैं.

 

लोग कहते हैं बेटी को मार डालोगे,तो बहू कहाँ से पाओगे?

जरा सोचो किसान को मार डालोगे, तो रोटी कहाँ से लाओगे?

 

ईमान का सौदा करता हैं,

जिन्दगी की क़ीमत क्या जाने?

जो “फसल” की क़ीमत दे न सके,

वो “जान ” की क़ीमत क्या जाने?

 

यू जीते जी मुझे मत मारो

पहले से मै दुखी इन्सान हु

मेरी मौत का कारण यही हैं,

कि मैं पेशे से एक किसान हूँ।

 Kisan Shayari Quotes Status in Hindi

ये कारवां क्या सालों साल यू ही चलता रहेगा

राजनीती अपनी चालों से कब तक किसानों को छलता रहेगा।

 

छत टपकती हैं, .. उसके छप्पर की……

फिर भी वो किसान करता हैं दुआ बरखा की

 

किसी गाँव से फिर खबर आई है,

‘रस्सी’ वापस “किसान” के खेत में बुलवाई है।

 

कट गए है हाथ

जो उगाते है देश लिए अनाज.

बढ गई है जनसंख्या, कम हो गए है किसान

अब तो बस चारो तरफ दिखते है होटलें

और मकान ही मकान , कहा से लाए खेत

और खलिहाल.. “क्या करेंगा अब मेरे देश का किसान!”

 

एक बीज पर विश्वाश करके पुरा साल गुजार दें,

वो है किसान। अरसों पुराने प्यार को जिस्म के लिए ठुकरा दें,

वो है आज का प्यार।

 

बंजर भूमि में जो हरियाली लाएं वो होता है किसान,

लोगों के दो वक्त की भूख मिटाएं वो होता है किसान,

पूरे देश तक जो अनाज पहुंचाएं वो होता है किसान,

लोगों के जीवन को सुख और समृद्धि बनाएं वो होता है किसान,

देश की नींव रखने वाला कहलाता है किसान

 

कहाँ छुपा के रख दूँ मैं अपने हिस्से की शराफ़त,

जिधर भी देखता हूँ उधर बेईमान खड़े हैं,

क्या खूब तरक्की कर रहा हैं अब देश देखिये,

खेतो में बिल्डर और सड़को पर किसान खड़े हैं.

 

जब किसान अपने बेटे को पढ़ाता हैं,

तो कई रात वो भूखा ही सो जाता हैं.


जो किसान अपने बच्चों को

बड़े शहर भेजता है,

वो उन की खुशियों को

दिल पर पत्थर रखकर बेचता हैं.

 

खाट पर लेटा हूँ,

किसान का बेटा हूँ,

किस बात की सजा दी है,

इतनी मेहनत के बाद भी

इतनी परेशानी दी है.

माना बुरा हाल है

पर रखता तू ही ख्याल है.

 

जिसकी आँखो के आगे,किसान पेड़ पे झूल गया,

देख आईना तू भी बन्दे,कल जो किया वो भूल गया.

 

किस लोभ से “किसान” आज भी, लेते नही विश्राम हैं,

घनघोर वर्षा में भी करते निरंतर काम हैं.

 

दीवार क्या गिरी किसान के कच्चे मकान की,

नेताओ ने उसके आँगन में रस्ता बन दिया.

 

@#किसान के लड़के ने अपने नाम के आगे “डाक्टर” जोड़ लिया,

गाँव में हल ने कोने में पड़े-पड़े दम तोड़ दिया@#.

 

मेरी नींद को दिक्कत ना भजन से ना अजान से है

मेरी नींद को दिक्कत पिटते हुवे जवान और खुदखुशी करते किसान से है .

 

तापमान तो AC और कूलर वालो के लिए बढा है साहब ,_*

*_खेत में किसान और सीमा पर जवान_*

*_तो आज भी वहीं है…!!_*

 

हू एक किसान ऐतबार अपनी लगन पे

लगी है निगाहें आसमा के मानसून पे .

 

कहा रख दू अपने हिस्से की शराफ़त

जहाँ देखूं वहां बेईमान ही खडे है

क्या खूब बढ़ रहा है वतन देखिये

खेतों में बिल्डर सड़क पे किसान खड़े है !!

 

जमीन जल चुकी है, आसमान बाकी है,

दरखतों तुम्हारा इम्तेहान वाकी है ,

जो उदास बैठे हैं खेत की मेढ़ पर

उनकी आंखों में अब भी उम्मीद बाकी है।

बादलों अबकी बरस जाना वक्त पर ,

किसी का मकान गिरवी है किसी का लगान वाकी है।

 

मिट्टी से गहरा रिश्ता रखता हूँ,

किसान का बेटा हूँ गर्व से कहता हूँ 💕

 

Corporate Jagat mai chamak hai

bus uske yha log b bhooke h,,,

vo Kisan he jo सबका सोच कर

चलता की कोई भूखा ना रहे।

 

उसे धर्मगुरुओं ने बताया, उसने शास्त्रों में भी पढ़ा

कि आत्महत्या करने वाला नर्क जाएगा ,

फिर भी खा लिया उसने कीटनाशक क्या

उसकी जिंदगी नर्क से भी बुरी थी ।

 किसान पर स्टेटस Farmer Kisan Status In Hindi Language

कीमत तो खूब बढ़ गई है दिल्ली में धान की,‍‍

लेकिन विदा न हो सकी बेटी किसान की।।


देखे है कई हंसते किसान बिना बड़े ख़्वाबों के ,

वोहि चोटी सी चिमनी ,टूटी छत और बेशुमार मोह्होबत में !!

 

जो अन्न जने पसीने से, खुदका तो पता नहीं पर,

कोई पेट न भूका रह जाये। इतना में करूँ परिश्रम की,

“चारों धाम” खेत से हो जायें।

 

चीर के जमीन, मैं उम्मीद बोता हूँ।

मैं किसान हूँ, चैन से कहां सोता हूँ।।

 

Jisne apna pet kaatkar pure desh ka pet bhara………

Aaj wo gareeb kisan mar gaya………

Na thi Khabar akhbaro me uski…….

Karz me apne baccho ko chor chala 😔

 

ये सिलसिला क्या यूँ ही चलता रहेगा,

सियासत अपनी चालों से कब तक

किसान को छलता रहेगा.

 

बिना मेहनत की कमाई को उड़ाते देखा है

मेने चंद रुपयों के लिए किसान को बेल की

जगह हल चलाते देखा है मेने।

 

टूटा-फूटा घर मेरा,बस दो वक़्त की रोटी है

हम बुरी हालातों से लड़ने वाले किसान,

हमारी जिंदगी बहुत छोटी हैं!!!

 

जो मिट्टी को पानी से नहीं बल्कि अपने पसीने से सिंचे वो है किसान!

मैं इक बदनसीब किसान सा, उस बारिश के इंतज़ार में

 

Kisan hai to ye duniya chl ri h…

kyu vo Apne ke alwa subko khila

kr Paal rha h. पशु पक्षी उसके कारण है पल रहे हैं।

 

जो अपने कांधे पर देखो खुद हल लेकर चलता है

आज उसी की कठिनाई का हल क्यों नहीं निकलता है

 

जैसे शब्दों मे भाव और भाव मे शब्द रहते हैं

वैसे ही भारत मे किसान और किसानों मे वास्तविक भारत रहता है ।❤️

 

केहते हैं कि मेरे देश की मिट्टी में सोने – हीरे – मोती उगते हैं,

और उन्हें अपने “किसान” ही तो उगाते हैं अपना पसीना सींच के।

 

धरति का पालनहारा है, यह हम सब का गुजारा हैं—

ईसे ज़िंदा रकख़ों यारों, तब ज़िदा रहेगा मानव सारा !

 

पाट्या कुर्ता हाथ मे जेली पावे स वो पेट भरनिया किसान कहलावे स

 

“सुबह का निकला,माटी को पूजे वो,

दिनभर पसीना बहाये,मज़दूर नहीं वो …..किसान है,देश का।

 

किसान खेत में मरता है और किसान का बेटा फ़ौज में।

नेता देश में ऐश करता है ,और उसका बेटा विदेश मे।

आखिर कब तक???

 Kisan Attitude Status In Hindi

घटाएँ उठती हैं बरसात होने लगती है,

जब आँख भर के फ़लक को किसान देखता है।।

 

कृषक की समस्या ख़त्म ना होती,

पोलिटिसन वालों के पास पैकेज अस्सी है,

थका हारा किसान समस्या हल करने को ,

चुनता रस्सी हैं.

 

एक बार आकर देख केसा,

ह्रद्य विदारक मजर हैं,

पसलियों से लग गयी हैं आंते,

खेत अभी भी बंजर हैं।

 

जीवन के गुणगान कुछ यू गाता

कर मेहनत के रोटी कमाता

सद्बुद्धि सबकों दे दाता

हम है अगर अन्नदाता !!


अभी न निकली पहली किरण , पूर्व की लाली पहचान,

भौर से पहले ही , खाट छोड़ उठ गया किसान.

 

यू आसमा पे पहुच रही कीमते खाद्यान की

फिर भी बिना ऋण विदा हो सकी लाडली किसान की !!

 

नंगे पैर बरसात मे, जब वो किचड़ मे जाता है

महकता हुआ बासमती, तब तुम्हारे घर आता है !!

#किसान

 

जो घर बैठी माँ को माँ पुकारे वो इंसान है।……

जो घर बैठी माँ से पहले देश की माटी को माँ पुकारे, वो मेरा हिंदूस्तान है।…..

जो इस माटी का कर्ज चुकाए बिना कोई लोभ…..

वो इस माटी कि असल संतान मेरे देश का किसान है।

 

वातावरण खराब करती है तेरे शहर की दीवारें ए

दिल्ली पर बदनाम तो तुम सिर्फ इस देश के किसानों को करती है

 

किसान वो भगवान हैं जो खुद का पेट खाली रख कर,

दूसरों का पेट भरता हैं।❤️

 

बोझ मेरे देश का जब वो उठा नहीं पाता है,

खुद ही अपने धड़ से अपना सर कलम कर जाता है;

औरों का पेट, पेटी-सा भर के…

जब अपनी औलाद को हफ्तों कुछ खिला नहीं पाता है,

तब खुद से हार कर, खुद ही खुद को सूली पे लटका जाता है;

होते हुए नींव हर किसी के जिंदगी की..

करता है उम्मीदें खुद से भी और औरों से भी…

जो सबको जिंदगी देता है, वो खुद की उम्मीदों से नहीं….

बल्कि हमसे किए उम्मीदों से हार जाता है;

मेरे देश का किसान, यूँ ही किसी बेतुकी वजह से

हर बार आत्महत्या का रास्ता नहीं अपनाता है।।

 

भारत के रीढ की हड्डी टूट जाएगी,

जनाब! अगर किसान मरते रहे।

 

किसान की ये माटी, माटी का है किसान

हल, अनाज की बोरी, खाद , दूध, पानी

और देश ढोये है किसान।

 

है ना कोई ‌‍जो दुनिया को खिलाता है और भूखा भी वही मरता है।

 

देवताओं से भी हल नहीं हुई,

जिन्दगी कही सरल नही हुई,

कि अबके साल फिर यही हुआ

अबके साल फिर फसल नही हुई.

अमन अक्षर

 

किसान की आह जो दिल से निकाली जाएगी

क्या समझते हो कि ख़ाली जाएगी

 

किसान खुल के हँस तो रहा हैं फ़क़ीर होते हुए,

नेता मुस्कुरा भी न पाया अमीर होते हुए.

 

गरीब किसान को हैरान देखा,

जरूरतों से परेशान देखा,

देश कैसा अनोखा है

अन्नदाता ही भूखा है.

 

फूल खिला दे शाखों पर, पेड़ों को फल दे मालिक,

धरती जितनी प्यासी हैं उतना तो जल दे मालिक.

 

चीर के जमीन को, मैं उम्मीद बोता हूँ…

मैं किसान हूँ, चैन से कहाँ सोता हूँ…

 Slogan & Kisan Quotes in hindi

दौर-ए-तरक्की में कोई दुःख भरी बात मत कहना,

क्या फ़र्क नहीं डालता किसी पर अन्न दाता का भूखे सो जाना?

 

किसान की समस्या खत्म नही होती,

नेताओ के पास पैकेज अस्सी हैं,

अंत में समस्या खत्म करने के लिए,

किसान चुनता रस्सी हैं.

 

मैं किसान हूँ मुझे भरोसा हैं अपने जूनून पर

निगाहे लगी हुई है आसमान के मानसून पर.

 

नही हुआ हैं अभी सवेरा, पूरब की लाली पहचान,

चिडियों के उठने से पहले, खाट छोड़ उठ गया किसान.

 

किसान खुश है, बारिश खूब हुई है अबकी बरस,

खेत सींच दी है पर मकान का छत तोड़ दी है,


हरी कर दे झाड़ियाँ, फल दे पेड़ो को ईश्वर,

प्यासी वसुंधरा की प्यास बुझा जल दे मालिक.

 

वो सबको खिलाता है चाहे इंसान हो या जानवर ,,,,

फिर भी लोग उससे मोल भाव करते हैं जानवर तो

यू ही उसका हिस्सा खा रहे हैं खेतों से 😑😭

 

शरीर से किसान,, दिल का हू राजा देख कर

सब लौट जाते हैं अपने दरवाजा.!!

 

है मानव रूप में फरिश्ता वह..

जो सावन,पूस,ज्येष्ठ मास में..

डट कर,है तुम्हे अन्न देता..

ग़र वो न होता.. तो तुम्हारी

तिजोरी भरी ही रह जाती..

पर तुम्हारी भूख न शांत होती।

 

बिना गाँव और बिना किसान किसी भी देश का संपूर्ण होना संभव नहीं है।

 

पेट जो भरता लोगों का मिट्टी से फसल उगाता है,

उस किसान की खातिर तो ये धरा ही उसकी माता है।

 

खाया…..खूब खाया… दावते उड़ाई… जो बचा था

कचरा पात्र में था और जो भूखा था वो किसान था…………..

वो भूखा भी इसीलिए था क्योंकि वो किसान था….🙁

 

भारत कृषि प्रधान देश है यहां तिल तिल कर मरता किसान ।

करोड़ों का पेट भरता और खुद भूखा सोता किसान ।

खा कर उसकी पैदा की गई रोटी किसको फरक पड़ता कौन होता किसान ।,,😡😡

 

सबका पेट भरता वो आज उस पे भूके रहने की नौबत आयी,

नहीं सम्भले अभी तो कल हमारी बारी आयी...

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