हेलो दोस्तों, बहुत सारे लोग चाय पीने के शौक़ीन होते और ऐसे लोग चाय पीने का मौका नहीं शोड़ते😂। उनको चाय पीने का बहुत शौंक होता है। इस लिए हम आज की इस पोस्ट में उन लोगो के लिए चाय पर शायरी लेकर आये है। आप इन शायरी को सोशल मीडिया पर सकते है उम्मीद है के आपको यह शायरी पसंद आएगी।
चाय पर बेहतरीन शायरी और स्टेटस - Chai par Shayari in Hindi
चाय की चाह में,
मोहब्बत की राह में,
इंसान अब गुनाह भी करते है,
ख़ुदा की पनाह में.
अक्सर चाय पर ही मिलते है जीवन के हमसफर,
निगाहों से जब निगाहें मिले तो दो-चार सवाल जरूर कर.
जलाकर अपना कलेजा चाय को भरता है,
कुल्हड़ जैसा इश्क़ भला कौन करता है.
चाय के दीवाने आये है,
ये बात सबको बताई जाएँ,
उन्हें इज्जत से बैठाकर
चाय को कुल्हड़ में पिलाई जाएँ।
अच्छे से बनी हो चाय काली,
तो वो भी लगती ही बड़ी निराली.
सेहत को बढ़ाने वाली है,
दिखने में जो चाय काली है.
चाय के बाद दूसरा रंग तुम्हारा है,
जो मुझे साॅवला अच्छा लगता है।
ये बारिश का मौसम, और तुम्हारी याद
चलो फिर मिलते है, एक कप चाय के साथ।
कुछ इस तरह से शक्कर को बचा लिया करो,
चाय जब पीयो हमें जहन में बैठा लिया करो।
लोगों को मिलता होगा सुकून इश्क में ,
हमें सुबह सुबह बिना चाय के चैन नहीं मिलता …
एक चाय फीकी सी हो जाए,
तुम्हारी मीठी-मीठी बातों के साथ।
वो पल भी कोई पल है,
जिस पल में तेरा एहसास न हो,
वो चाय फिर चाय कैसी
जिसमें तेरे होंठो सी मिठास न हो।
कुछ लोग मुझे चाय के लिए बदनाम कहते हैं,
पर उन्हें क्या पता बदनाम में भी एक नाम है।।
हर रिश्ता प्यार वाला हो जरुरी नहीं,
कुछ रिश्ते चाय वाले भी होते है।
आज फिर चाय की मेज़ पर
एक हसरत बिछी रह गयी,
प्यालियों ने तो लब छू लिए
केतली देखती रह गयी।
एक आलस भरी चाय, एक देखी हुई फ़िल्म,
एक सुस्त झपकी, एक अधपढ़ी किताब में
गुज़र गया…..
एक हफ़्ते किश्त भर कर ख़रीदा था रविवार,
अभी तो आया था न जाने किधर गया।
चाय भर कर टपरी वाले ग्लास में,
अब भी बैठा हूं तेरे आने की आस में …!!
इश्क चाय का इस कदर हावी है,
दिमाग ताला है और चाय चाबी है।
किसको बोलू हेलो, किसको बोलू हाय,
हर टेंशन की बस एक ही दवा अदरक वाली चाय।
कभी आओ ना मेरे घर
चाय पर बैठ साथ बाते करेगे
मेरी कुछ तुम्हारी।
खुशबू हो तुम और नशा भी,
महका भी देती हो और बहका भी …
गरम चाय और इश्क़ साहब
हम तो कब का छोड़ चुके।
मान लो मेरी राय,
इश्क से बेहतर है चाय।
ना चाय लेते है
ना काफी लेते है
हम तेरे इश्क के मरीज है
सुबह उठते ही तेरा
नाम लेते।
अब ना ही किसी का दिल दुखाएंगे,
अब ना ही किसी पर हक़ जताएंगे,
अब यूंही चाय पीकर 4 दिन की जिन्दगी बिताएंगे …
रोजाना का इंतज़ार वही वक़्त और ऐसी तलब,
चाय की प्याली से भी एक रिश्ता बन जाता है।
आज मेरे दुश्मन ने मुझे चाय पिलाई है,
मैंने भी दुश्मनी को वही पर दफनाई है.
तेरी यादों का नशा है मुझे चाय की तरह,
सुबह सबसे पहले तेरी ही याद आती है.
ये खामोश से लम्हें
ये गुलाबी ठंड के दिन,
तुम्हें याद करते-करते
एक और चाय तुम्हारे बिन.
सुबह की चाय से भी वो ताजगी नहीं आती है,
जो सुबह में तेरी एक झलक पा जाने में आती है.
काश कि हम चाय हो जाते,
वक्त बेवक्त तुम्हें याद तो आते.
इश्क चाय का इस कदर हावी है,
दिमाग ताला है और चाय चाबी है.
मान लो मेरी राय,
इश्क से बेहतर है चाय.
काश मेरी एक ख्वाहिश पूरी हो जाए,
किसी शाम एक कप चाय आपके साथ हो जाए.
सुहानी सुबह और बारिश के रिमझिम फुहारें,
हाथों में अदरक वाली चाय और दिल में याद तुम्हारें।
दिल में इश्क़ की आग धीरे-धीरे जलाई जाएं,
और उस पर अदरक वाली चाय बनाई जाएं।
ना तख्त चाहिए ना ताज चाहिए,
मुझे मेरी ‘चाय’ और ‘चाह’ का हिसाब चाहिए।
न चाय से हुई, न कॉफ़ी से हुई,
हमारी दोस्ती की शुरुआत टॉफ़ी से हुई.
चाय के बाद दूसरा रंग तुम्हारा है,
जो मुझे साँवला अच्छा लगता है.
गम-ए-इश्क़ को कुछ इस कदर भुला आया,
मैं पुराने दोस्तों के साथ अदरक वाली गर्म चाय पी आया.
तेरी यादों में मैं चाय बन जाऊं,
तु बिस्किट बन जाएं और उसमें तुझे डूबा जाऊं।।
ये चाय की मोहब्बत तुम क्या जानो,
हर घूंट में सोचते हैं आपको बड़ी तसस्ली के साथ।
दिल बहुत उदास है
मशवरा चाहिए आपसे
चाय लूं या बीयर।
उन्होंने कहा चाय में चीनी कितनी लीजियेगा,
हमें कहा बस एक घूट पी के दीजिये।
सुनो … सुबह खड़ी है चौखट पर,
तुम रात को ठीक से रवाना तो कर दो …
चाय भी तैयार है सज धज के ….
तुम बस आने का कोई बहाना तो कर दो …
जज्बातों जरा सरक कर बैठों,
आज चाय पर इतवार को बुलाया है।
आधी रात और गहरे साये,
खाली कुर्सी मैं और चाय।
बेस्ट चाय कोट्स स्टेटस शायरी इन हिंदी
आदत नहीं कुछ, लाइलाज बीमारी है,
चाय से मेरी कुछ इस कदर यारी है।
आज लफ्जों को मैने शाम की
चाय पे बुलाया है.
बन गयी बात तो
ग़ज़ल भी हो सकती है।
रिवायतें बदल गई है,
दोस्ती निभाने की …
अब शर्ते लगती है तो भी चाय पिलाने की।
जिसका हक है उसी का रहेगा
मौहब्बत चाय नही जो सबको पिला दी जाए।
सर्दी में चाय सी हैं तुम्हारी यादे,
जितना मिले कम लगती यहीं।
तेरी यादों का नशा है मुझे चाय की तरह,
सुबह सबसे पहले तेरी ही याद आती है।
मेरी तो बस एक ही राय है,
दुनिया की सबसे बेहतरीन चीज चाय है।
मेरे साथ हो तुम
दिल हो गया है गुम
चाय है हाथ में
तुम हो साथ में
जिंदगी का ये सबसे खूबसूरत पल है.
चंद लम्हों को सदियों में जीना है,
मुझे तुम्हारे होठो से लगी चाय पीना है.
आदत नहीं कुछ , लाइलाज बीमारी है,
चाय से मेरी कुछ इस कदर यारी है.
हम ज़िन्दगी को बड़े ही जिन्दादिली से जीते है,
मजा तब आता है जब चाय दोस्तों के संग पीते है.
ठण्ड का मौसम हो और
किसी की यादे हो सीने में,
फिर ऐसे मौसम में मजा आता है
गर्मा गरम चाय पीने में.
कुछ लोग गरम चाय नहीं पीते है,
ना जाने वो लोग कैसे जीते है.
जब वो अपने हाथों से चाय बनती है,
चाय बड़ी गरम और कड़क हो जाती है.
जब ये लब चाय और तेरे लबों को छू लेते है,
तो हम एक पल में सदियां जी लेते है.
दिल टूटा तो बहुत सारे रिश्तों को भी तोड़ा,
बड़ी मोहब्बत थी चाय से भी, इसे भी छोड़ा।
चाय पीते वक्त चर्चा और
गर्लफ्रेंड बनाते वक्त खर्चा
हम बिल्कुल नहीं करते है,
इसलिए खुश रहते है.
सांवला है रंग,
थोड़ा कड़क मिजाज है,
सुनो तुम पसंद हो हमे
तुम्हारा चाय सा स्वाद है.
एक कप चाय और कुछ नमकीन,
कोई अपना साथ हो तो मौसम हो जाए हसीन.
सुबह जब चाय को अपनी लबों से छू देती हो,
उसमें अजीब सा इश्क़ का मिठास घोल देती हो.
तेरे चाय के कप पर
लिपस्टिक लगे होठों का निशान था,
किसके लिए छोड़ कर गई
ये सोचकर हर कोई परेशान था.
अब चाय हम अदरक वाली पसंद करते हैं,
जबसे दिल टूटा तबसे दिल के दरवाजे बंद रखते हैं.
ऐ खुदा मुझे मेरे महबूब से मिला दे,
और उसके हाथों से एक कप चाय पिला दे.
जुर्म एक संगीन किया जाए आप के साथ,
सुबह को रंगीन किया जाए चाय के साथ.
जाने-अनजाने में भी किसी का दिल नहीं दुखाते है,
अक्सर हम चाय पर अपने दोस्तों को घर बुलाते है.
अर्ज किया है …
भाड़ में जाए दुनियादारी …
सबसे प्यारी चाय हमारी।।
चाय दूसरी एसी चीज़ है, जिससे आंखें खुलती है
धोखा अभी भी पहले नम्बर पर है।
सुनो तुम चाय अच्छी बनाती हो,
पर मुंह बनाने में भी तुम्हारा कोई जवाब नहीं।
चर्चा नशें की हो रही थी,
मैं जिक्र चाय का कर आया।।
मैंने देखा ही नहीं कोई मौसम,
मैंने चाहा है तुम्हें चाय की तरह।
मिलो कभी चाय पर फिर क़िस्से बुनेंगे..
तुम ख़ामोशी से कहना हम चुपके से सुनेंगे।
हम तुम शायरी और एक कप चाय,
ख्वाब भी देखो जाना मेरे कितने हसीन है।
सभी सिसकियों की हाय लाया हूं,
अहल-ए-गम बैठों जरा मैं चाय लाया हूं।
बाते ना बनाये,
बस चाय का आनंद उठाएं।
जिंदगी के सफर में मेरी हर वक्त की फरमाइश हों तुम,
मेरी पहली और आखिरी ख्वाहिश हो तुम …
एक तेरा ख़्याल ही तो है मेरे पास,
वरना कौन अकेले में बैठे कर चाय पीता है।
बैठे चाय की प्याली लेकर पुराने किस्से गरम करने
चाय ठंङी होती गई और आंखें नम।
सब साथ रहते है मगर
अजनबी की तरह जीते है,
उदास मत हो दिल मेरे
चल ठेले वाली इक चाय पीते है।
चाय में जब एहसासों का रंग मिलाया गया,
फिर मत पूछिए इसको कितनी देर पकाया गया.
पूरी दुनिया चाय की दीवानी है,
पर वो गुरूर करना नहीं जानी है.
जिंदगी में कुछ लोग चाय की तरह होने चाहिए,
जो हर समस्या में आपको थोड़ा सुकून दें दे.
कुछ आदतें छूटती नहीं है इंसान की,
जैसे चाय पीने की और इश्क़ करने की.
अगर कोई लड़की दिल में आ जाती है,
तो उसकी जूठी चाय भी बड़ी भाती है.
जिंदगी का असली मजा है –
किसी से इश्क़ कर जीने में,
और अदरक वाली चाय पीने में.
गर्लफ्रेंड के लिए चाय शायरी – Chai quotes for Girlfriend
सब्र रखो तभी मजा आएगा,
वरना इश्क़ में दिल टूट जाएगा
और चाय से मुंह जल जाएगा।
तेरे छोड़ जाने पर मैंने
चाय सा चाहा है तुझको
रुको जरा इक बात सुनो
चाय पसंद नहीं है मुझको.
– वेद प्रकाश वेदान्त
तुम चाय बनाओ
और उसमें दम न हो
ये तो वही बात हुई
कि किसी से दिल लगाओ
और कोई ग़म न हो !!
– वेद प्रकाश वेदान्त
बारिश में चाय पीने का ख्याल है,
लेकिन उमस ने कर रखा बुरा हाल है.
इस बारिश में भीगकर कुछ पल जीते है,
पहले ठंड तो लगने दो फिर गरम चाय पीते है.
अक्सर दिल को छू जाती है बातें,
जब उसमें जिक्र अदरक वाली चाय का हो.
इस दिल में हमने कुछ ऐसी हसरतें पाली,
एक सुबह हो हमारी कुछ ख़ास और निराली,
साथ में हो सनम और उसकी मुस्कुराहट प्यारी,
उसे देखते हुए होठों लगाएं हम चाय की प्याली।
तुम्हें दो पल रूकना नहीं आता
मुझे फासलों की तहजीब नहीं आती
जाते हो तो जाओ
मगर सुनो जरा
देखो, मुझे भुला न देना
तुम्हे चाय की कसम
– अनामिका चक्रवर्ती ( अनु )
जिदंगी असली वही जीते है,
कैसा भी हाल हो वो बस चाय पीते है।
एक चाय ही तो है जो हर शाम जीने का सहारा देती है
वरना तेरे इंतज़ार में तो कब की मेरी जिंदगी की शाम ढल जाती।।
छोड़ जमाने की फ़िक्र यार,
चल किसी नुक्क्ड़ पे चाय पीते है।
चाय पर चर्चा और चाय पर खर्चा
कभी जाया नहीं जाता।
उफ्फ चाय की तरह
चाहा है मैने तुझे
और तुने बिस्कुट की तरह
डुबो दिया अपनी यादो मे मुझे।
चाय के उस कप के भी अलग मज़े है,
सवेरा होते ही तेरे होठों को चूम लेता है …
ज़िन्हे चाय से लगाव होता है
उसके दिल में जरूर घाव होता हैं।
चाय के साथ बिस्किट ने ये सबक तो दिया के
किसी में इतना डूबोगे तो टूट जाओगे।
लहजा थोड़ा ठडां रखे साहब…
गर्म तो हमें सिर्फ़ चाय पसदं है।
मुसीबत में दोस्त को,
और गर्मी में चाय को जो छोड़ दें …
उनका भरोसा ना करें ।।
हम तुम शायरी और एक कप चाय,
ख्वाब भी देखो जाना मेरे कितने हसीन है।
माना तुम जरूरी तो हो,
लेकिन चाय से ज्यादा नही.
तुम्हारे घर आऊँ तो चाय पिलाओ,
मीठे शक्कर की जगह इश्क़ मिलाओ.
जिंदगी जब उदासियों के दौर से गुजरता है,
तब चाय में डुबाई बिस्कुट टूट ही जाती है.
इश्क़ है तो जाहिर कर
बना कर चाय हाजिर कर,
अदरक डाल या इलाइची
कूटकर मोहब्बत भी शामिल कर.
बिस्कुट के साथ आई है गरम-गरम चाय,
बिस्कुट को खाइये तो मजा आ जाए.
इक तरफ़ा इश्क़ में
मेरा दिल टूट गया है,
यह मत समझना कि
दोस्तों के संग चाय
पीना छूट गया है.
चाय पिलाने के बहाने
चाहत का इजहार कर दिया,
चाय इतनी खराब निकली
कि उसने इंकार कर दिया।
वेदप्रकाश ‘वेदांत’
चाय और दोस्ती शायरी
चलो आज पहले वाला
जीवन जीकर आते हैं
अब भी मिलती है
नुक्कड़ पर चाय
चलो पी कर आते हैं।
– वेद प्रकाश वेदान्त
हमें भी कभी चाय पर बुलाइये
घर पर न सही चौराहे पर आइए
चाय की चुस्की सर दर्द मिटा देगी
यूँ बैठकर गुमसुम बहाने न बनाइये ।।
– वेद प्रकाश वेदांत
लत चाय की हो
या हो मोहब्बत की
यारों लगा मत लेना
और ग़र हो ही जाये
तुम्हें सच्ची मोहब्बत
तो यारों दगा मत देना..।।
– वेद प्रकाश वेदांत
रिश्तों में तुम वो स्वाद रखो
जैसे चाय के संग पकौड़े हो
साथ निभाओ तो फिर ऐसे
की जैसे कलियों संग भौंरे हो ।।
– वेद प्रकाश वेदान्त
सुबह सुबह चाय ग़र लबों पर छा जाये
तो यकीं मानों दिन मस्ती में बीतता है ।।
– वेद प्रकाश वेदांत
किसी गरीब संग पी लो एक चाय
नही लगेगी कभी किसी की हाय ।।
– वेद प्रकाश वेदांत
ग़म भुलाने को मैं
मधुशाला जा रहा था
कि रस्ते में मुझको
चाय मिल गयी
बोली इतनी जल्दी है क्या
ठहरकर मुझे पीओ
और ग़म भूल जाओ ।।
– वेद प्रकाश वेदांत
मेरा राब्ता उससे वैसा है,
जैसा चाय पत्ती का दूध से होता है …
चाय पत्ती दूध को चाय बनाकर बाहर ही छन जाती है।।
चाय पर शायरी और स्टेटस – , Chai Status in Hindi
ना तख्त चाहिए ना ताज चाहिए,
मुझे मेरी ‘चाय’ और ‘चाह’ का हिसाब चाहिए।
मेरा हर सिर दर्द दूर भाग जाता है,
जब जब चाय का नाम आ जाता है।
जैसे जैसे इन सर्दियों में कोहरा हुआ,
चाय के साथ मेरा इश्क ओर गहरा हुआ।।
तीन ही शौक थे मेरे
इक चाय, इक शायरी और तुम।
कलम, कागज़ और एक कप चाय हो,
वक्त गुजारने का बस यही उपाय हो।
मैं शीतल सा कुल्लड़ हूं,
तुम गर्म सी चाय प्रिय Good Morning
प्रिय तापमान,
शर्म आती है तुम पर,
कितने गिर गए हो तुम…
तुम्हारे गिरने की वजह से मेरी चाय ठंडी हो गई !!
न चाय से हुई, न कॉफ़ी से हुई,
हमारी दोस्ती की शुरुआत टॉफ़ी से हुई।
Boyzzz के लिए चाय बना रही हूं,
जहर कितनी चम्मच डालू।
सुकूं की नींद का तालिब था एक मुद्दत से
मैं उसकी चाय में गांजा मिला के लौट आया।
गम-ए-इश्क़ को कुछ इस कदर भुला आया,
मैं पुराने दोस्तों के साथ अदरक वाली गर्म चाय पी आया।
ज़िम्मेदारियां मजबूर कर देती है अपना शहर छोड़ने को,
वरना कौन घर की चाय पीना नहीं चाहता।।
आज तो चाय पीने आ जाओ
इतनी धुंध में भला कौन दिखेगा।
कुछ लम्हे फ़ुर्सत के
कुछ पल सुहाने
कुछ चाय की गरमाहट
कुछ ख़याल तुम्हारे।
शोहरत, न तालियों का मुझे शोर चाहिए,
नुक्कड़ पे चाय मिल गयी क्या और चाहिए।
मनोज मुन्तशिर
किसको बोलूँ हेलो और किसको बोलू हाय,
हर टेंशन की एक ही दवा है अदरक वाली चाय.
मन के थकान को दूर करती है चाय,
स्वाद बढ़ जाएँ अगर आपके हाथो से मिल जाएँ.
मिलों कभी चाय पर फिर कोई किस्से बुनेंगे,
तुम खामोशी से कहना, हम चुपके से सुनेंगे.
हमारे गुलाबी होंठ और चाय की प्याली
उफ़्फ़ !!! ये ख्वाहिशें मेरी मोहब्बत वाली
दिल मिले या ना मिले हाथ जरूर मिलाते है,
दुश्मनों को भी अदरक वाली चाय पिलाते है.
ख़त्म होने दो बंदिशे सभी,
सब मिलेंगे यार चाय पर कभी.
जब सुबह-सुबह तेरे प्यार के नग्में को गुनगुनाता हूँ,
लब मुस्कुराते है जब चाय का कप उठाता हूँ.
हर लड़की को दिल बोले हेल्लो-हाय,
टेंशन में अक्सर पीता हूँ अदरक वाली चाय.
सभी सिसकियों की हाय लाया हूँ,
अहल-ए-गम बैठों जरा मैं चाय लाया हूँ.
एक कप चाय दो दिलों को मिला देती है,
एक कप चाय दिन भर की थकान मिटा देती है.
चाय पीने से अगर चाहत बढती,
तो दुनिया में मोहब्बत की कमी न रहती.
आप चाय पीते है बड़े ही चाव से,
लगता है पुराना रिश्ता इश्क़ के घाव से.
वो पल भी कोई पल है,
जिस पल में तेरा एहसास न हो,
वो चाय फिर चाय कैसी
जिसमें तेरे होंठो सी मिठास न हो.
काश !!! मैं इस तरह की चाय बना पाता,
नफरतों को दिल से हमेशा के लिए मिटा पाता.
चाय के शौकीन शायरी
सुबह की चाय में तुम्हारी याद वो मिठास है,
जिसके बिना मेरी चाय फिकी से लगती है.
गरीबों के चेहरे पर दिखती है लाली,
क्योंकि वो चाय पीते है काली.
जो उदास है उसे प्यार से पास बुलाओ,
किसी बहाने से एक कप बढ़िया चाय पिलाओ.
यादें बढ़ जाती है,
जब कोई दिल में घर कर जाती है,
चाय ही एक सहारा होता है,
जब तन्हाई में दिल रोता है.
लोग कहते है
ग्रीन टी पीने से मोटापा घट जाती है,
मोटापा घटे या ना घटे
पर पीने पर अमीरों वाली फीलिंग आती है.
मैं गर्म पानी तुम Green Tea प्रिये,
इतना पीती हो कभी मेरे संग पी प्रिये.
जब जिन्दगी का अनुभव बढ़ता है,
तो कड़वा Green Tea मीठा लगता है.
ग्रीन टी में स्वाद नहीं होता है,
पर उसमें छिपा सेहत का राज होता है.
मैं होश में तब आया,
इश्क़ में जब दिल टूटा,
सारी दुनिया को छोड़ दिया,
मगर चाय पीना नहीं छूटा।
चाय की दुकान पर
सिर्फ चाय के दीवाने आते है,
जिन्हें कोई समझ ना सका
वो खुद को समझाने आते है।
जब जिंदगी आपको कड़वी चाय पिलाती है,
तो संग में ढेर सारी खुशियाँ भी लाती है.
मोहब्बत करना चाय से सीखे है,
कैसी भी हो खुश होकर पीते है.
बोलो मंजूर है मेरा इश्क़,
मैं चाय और मैगी दोनो बना लेता हूँ.
खुशी हो या ग़म हो
जुबां पर आता है
बस तेरा ही नाम
चाय की चुस्की सा
जरूरी है तेरा साथ
सुबह दोपहर शाम..।।
– वेद प्रकाश वेदांत
तुम्हारी छुअन मेरे दिल को
बहुत ज्यादा नर्म लगती है,
तुम्हें देखता हूँ तो मेरी
ठंडी चाय भी गर्म लगती है.
चाय थोड़ा ठंडा करके पिया करो,
गर्म चाय पीने पर दिल जल जाता है.
हलके में मत लेना तुम
सावले रंग को
दूध से कहीं ज्यादा देखे है
मैंने शौक़ीन चाय के।
चाय की चुस्की के साथ अक्सर कुछ गम भी पीता हूं,
मिठास कम है जिंदगी में मगर जिंदादिली से जीता…
खुद के लिए कुछ दिन अकेले ही जी लेना,
किसी ओर के हाथ की नहीं,
अपने हाथ की चाय बनाकर पी लेना।।
मोहब्बत हो या चाय,
एकदम कड़क होनी चाहिए।
यादों में आप और हाथ में चाय हो,
फिर उस सुबह की क्या बात हो।
जब सुबह-सुबह तेरे प्यार के नग्में को गुनगुनाता हूं,
लब मुस्कुराते है जब चाय का कप उठाता हूं।
सुबह की चाय और बड़ो की राये,
समय समय पर लेते रहना चाहिए।
यहां सवेरा चाय कॉफ़ी से नहीं स्टेट्स से होता है।
सर्दियों के बस दो ही जलवे,
तुम्हारी याद और चाय।
आशिको की आशिक़ी, वो यारों की यारी है..
वो सिर्फ चाय नहीं, हमारी मुलाकात की पहली तैयारी है।
कभी कभी लगता है यह दुनिया छोड़कर चला जाऊं,
लेकिन फिर कमबख्त चाय की याद आ जाती है …
एक अजीम तोहफा है चाय भी,
सिर्फ ये बात चाय पीने वाले ही जानते है।
एक कप चाय दो दिलों को मिला देती है,
एक कप चाय दिन भर की थकान मिटा देती है।
ना चांद ला पाऊंगा, ना सितारे तोड़ पाऊंगा …
आम आदमी हूं यार, तुम्हें मेरे हाथ की चाय जरूर पिलाऊंगा।
ज़िन्दगी वही जीते है,
जो गर्मी में भी चाय पीते है।
चाय, शायरी और तुम्हारी यादे
भाते बहुत हो. दिल जलाते बहुत हो।
मायूस चेहरे उस वक्त खिलेंगे,
जब सारे दोस्त एक साथ चाय पर फिर मिलेंगे।।
दर्द दो तरह के होते हैं …
एक कोई वादा करके आपको चाय ना पिलाएं …
दूसरा कोई आपकी चाय पी जाएं।।
दोबारा गर्म की हुई चाय और
समझौता किया हुआ रिश्ता
दोनों में पहले जैसी
मिठास कभी नही आती।
सुबह शाम की चाय से हो गये हो तुम,
हर वक्त तुम्हारी ही तलब रहती है।
इश्क़ और सुबह की चाय दोनों एक समान होती हैं,
हर बार वही नयापन, हर बार वही ताज़गी।
मुकम्मल इश्क़ में तुम दूध बनो,
मै चाय की पत्ती …
और रोज सुबह कोई आएं बिना साजिश हमें मिला के चला जाएं।।
चाय पीते वक्त चर्चा और
गर्लफ्रेंड बनाते वक्त खर्चा
हम बिल्कुल नहीं करते है,
इसलिए खुश रहते है।
चाय और बारिश शायरी
अगर चाय से सच मे मोहब्बत हो जाये,
तो नींद रातो की उड़ जाती है।
मेरे जज्बातों का कोई तो सिला दो,
कभी घर बुला के चाय तो पिला दो।
अब तो चाय को भी खुद पर गुरुर होता है,
बखूबी जानती है वो हम पर उसका सुरूर होता है।
सुना है सर्दियो में चाय पिलाना बड़े पुण्य का काम होता हैं?
कौन कौन पुण्य करेगा आज?
सारे रंगों से दूर हैं,
फकत सांवले रंग की चाय का सुरूर हैं … !!
उफ़्फ़ ये बारिश….
एक कप चाय….
और कुछ पुरानी यादें….
तीनो का लुत्फ़ एक साथ….
ऐसे खो जाना अच्छा लगता है मुझे….
ख़बर तब फैली मोहल्ले में तेरे-मेरे इश्क़ की
जब मेरे चाय .के कप पर तेरे होंठों के निशान मिले।
कड़क ठंडक में कड़क चाय का मज़ा
शराबी क्या जाने चाय का नशा।
चस्का जो लग जाएं एक बार तो हर दफ़ा काम आएगी,
चाय है यारों मोहब्बत नहीं जो बेवफा हो जाएगी।
ठंड बहुत है, कोई ज्ञान नहीं बांटेगा..
जिसको बांटनी है चाय बांटो।
जब ये लब चाय और तेरे लबों को छू लेते है,
तो हम एक पल में सदियां जी लेते है।
दिल इन्सान का और कप चाय का,
हमेशा बड़ा होना चाहिए..
ठण्ड का मौसम हो और
किसी की यादे हो सीने में,
फिर ऐसे मौसम में मजा आता है
गर्मा गरम चाय पीने में।
हर सुबह तेरे इंतज़ार में गुजरती है,
जब तुझसे मुलाकात होती है तो बड़ा सुकून सा मिलता है।।
हाथ में चाय और यादों में आप हो,
फिर उस खुशनुमा सुबह की क्या बात हो।
ना पूछो रिश्ता कैसा चाय से बन गया है,
बेहद उम्दा लाजवाब बन गया है।
मेरी चाय आज फिर से
ज़्यादा मीठी हो गई,
कितनी बार कहा है कि बार बार
तुम याद ना आया करो।
कभी चाय पर मिलों तो बताएं हाल हमारा…
तुम्हें क्या पता, कितने बेहाल है हम।।
चाय के कप से उड़ते धुंए में
मुझे तेरी शक़्ल नज़र आती है
तेरे इन्ही ख़यालों में खोकर,
मेरी चाय अक्सर ठंडी हो जाती है।
उसके गालों का, रंग चाय जैसा था
फिर क्या…
आंख बन्द की और चुस्की ले ली।
हमें तुमसे इतनी मोहब्बत है
जितनी काली चाय को दूध से।
चाय रखू? … और चाय रखीं हैं के बीच में जो फर्क है ना , वो ही प्यार है।
महफ़िल में जो मिले इंकार तो नहीं मगर,
तन्हाई में अक्सर मैंने चाय से वफा मांगा है।
ये खामोश से लम्हें
ये गुलाबी ठंड के दिन,
तुम्हें याद करते-करते
एक और चाय तुम्हारे बिन।
आपकी एक चाय,
इस शाम पर उधार है
फ़ुर्सत मिले तो एक
हल्की सी हंसी के साथ
कभी पिला जाना।
अर्ज किया है …
पूरे कायनात का सुकून जिसमें बसा है …
चाय के हर चूंट में वो नशा है …
ये “इश्क” गरम चाय कि तरह है दोस्त,
फुंक कर पीना वरना “जल” जाओगे..
अब मैं तुझको नही सोचता
अब मैं चाय गर्म ही पीता हूं।
काश कि हम चाय हो जाते,
वक्त बेवक्त तुम्हें याद तो आते।
हम तो निकले थे घर से मौहब्बत की तलाश में,
सर्दी बहोत लगी तो चाय पीकर वापस आ गए।।
मैं पीसती रही इलायची, अदरख, दालचीनी
पर महक चाय से तेरी यादों की आयी!
ठान लिया था कि अब और नहीं पियेगें चाय
उनके हाथ की..
पर उन्हें देखा और लब बग़ावत कर बैठे।
जानलेवा है उसका सांवला रंग
और मैं कड़क चाय का शौक़ीन भी हूं।
गरम चाय हो और चाय की प्याली हो,
कोई खूबसूरत हसीना पिलाने वाली हो।
हर घुट में तेरी याद बसी,
कैसे कह दूँ चाय बुरी हैं।
कॉफ़ी में चाय मिलकर पीती है,
आज भी वो किसी और के प्यार में जीती है।
कम्बख्त चाय को मेरी लत लग गयी हैं
चाहती हैं मेरे होठो से लगाना
ना जाने कैसा सुख मिलता हैं
मेरी जीभ जला कर।
जितना अच्छा तुम मुंह बनती हो,
काश तुम चाय भी उतना ही अच्छा बनाती।
सिर्फ मुझे ही नहीं
इन चाय की कपो को भी लगी हैं लत तेरे होठों की।
उदासी में कुछ पल जन्नत में जियोगे क्या,
चाय बना रही हूँ अदरक वाली, पियोगे क्या।
तेरे लबों पर लगी चाय पीना चाहता हूँ,
दो पल की जिंदगी तेरे साथ जीना चाहा हूँ.
इस भागते हुए वक़्त पर कैसे लगाम लगाई जाएँ,
ऐ वक़्त आ बैठ तुझे एक कप चाय पिलाई जाएँ.
दोबारा गर्म की हुई चाय और
समझौता किया हुआ रिश्ता
दोनों में पहले जैसी
मिठास कभी नही आती.
मेरे जज्बातों का कोई तो सिला दो,
कभी घर बुला के चाय तो पिला दो.
छोड़ जमाने की फ़िक्र यार,
चल किसी नुक्क्ड़ पे चाय पीते है.
हाथ में चाय और यादों में आप हो,
फिर उस खुशनुमा सुबह की क्या बात हो.
जज्बातों जरा सरक कर बैठों,
आज चाय पर इतवार को बुलाया है.
गरम चाय हो और चाय की प्याली हो,
कोई खूबसूरत हसीना पिलाने वाली हो.
लहजा जरा ठंडा रखे जनाब,
गर्म तो हमे सिर्फ चाय पसंद है.
कॉफ़ी में चाय मिलकर पीती है,
आज भी वो किसी और के प्यार में जीती है.
जितना अच्छा तुम मुँह बनती हो,
काश तुम चाय भी उतना ही अच्छा बनाती।
आओ साथ बैठकर चाय पीते है,
सुना है, साथ में पीने से चाहत बढ़ती है.
जिसका हक है उसी का रहेगा
मौहब्बत चाय नही जो सबको पिला दी जाए.
कलम, कागज़ और एक कप चाय हो,
वक्त गुजारने का बस यही उपाय हो.
ये “इश्क” गरम चाय कि तरह है दोस्त,
फुंक कर पीना वरना “जल” जाओगे..
साथ में चाय पीकर चाहत को बढ़ाया करो,
रिश्तों से दूरी बनाकर दिल के दरार नही भरते है.
कमबख़्त हसीन मौसम था, वो थी और थी चाय
मोहब्बत लाज़मी थी, बचने का न था कोई उपाय।
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