हेलो दोस्तों, आज की इस पोस्ट में हम आपके साथ कुछ दिल शायरी शेयर कर रहे है। अगर आप भी दिल शायरी ढूंढ रहे है तो आप बिल्कुल सही जगह पर है। आप इन दिल शायरी को अपने सोशल मीडिया पर शेयर कर सकते है। उम्मीद है कि यह पोस्ट पसंद आएंगे।
New Dil Shayari Hindi - बेस्ट दिल शायरी
वो नज़र कामयाब हो के रही दिल की बस्ती ख़राब हो के रही. फ़ानी बदायुनी..
हम तो कुछ देर हँस भी लेते हैं दिल हमेशा उदास रहता है बशीर बद्र ..
दिल पर दस्तक देने कौन आ निकला है किस की आहट सुनता हूँ वीराने में. गुलज़ार..
दिल सा खिलौना हाथ आया है खेलो तोड़ो जी बहलाओ इब्न-ए-सफ़ी..
दिल तो लेते हो मगर ये भी रहे याद तुम्हें जो हमारा न हुआ कब वो तुम्हारा होगा. बेख़ुद देहलवी ..
मैं हूँ, दिल है, तन्हाई है. तुम भी होते अच्छा होता. फ़िराक़ गोरखपुरी..
मुझ को न दिल पसंद न वो बेवफ़ा पसंद, दोनों हैं ख़ुद-ग़रज़ मुझे दोनों हैं ना-पसंद. बेख़ुद देहलवी..
मोहब्बत का तुम से असर क्या कहूँ? नज़र मिल गई दिल धड़कने लगा. अकबर इलाहाबादी..
मैंने कहा था मुझे अपने दिल में रहने दो, क्योकि बेघर बच्चा आवारा हो जाता है.
दिल के लिये हयात का पैगाम बन गईं, बैचैनियाँ सिमट के तेरा नाम बन गईं.
आज फिर दिल ने इक तमन्ना की, आज फिर दिल को हमने समझाया.
हमसे भी पूछ लो कभी हाल-ए-दिल हमारा, कभी हम भी कह सकें की दुआ है आपकी.
दिल पर हम बेवज़ह इल्ज़ाम लगाते हैं, धोखा तो अक्सर धड़कन दिया करती है.
वार दिल पर जालीम बे-हिसाब करती है, वो बिखरा कर जुल्फें, हिजाब करती है.
दिल सा खिलौना हाथ आया है, खेलो तोड़ो जी बहलाओ.
एक सफ़र वो है जिस में, पाँव नहीं दिल दुखता है.
आईना आज फिर रिशवत लेता पकडा गया, दिल में दर्द था ओर चेहरा हंसता हुआ पकडा गया.
तुम कभी भी मोहब्बत, आज़माकर देखना मेरी, जिंदगी से हार जायेंगे, मोहब्बत से नहीं.
तजुर्बा कहता है मोहब्बत से किनारा कर लूँ, और दिल कहता है ये तज़ुर्बा दोबारा कर लूँ.
तेरी याद में दिल तड़पा है रातों रात,बस तेरे लिए में साँस ले रहा हु दिन पे दिन.
पागल दिल वो तेरा नही किसी और का है, चुप कर के शो जाओ रात रोने के लिए नही सोने के लिए है..
कुछ ख्वाब सुहाने टूट गए, कुछ यार पुराने रूठ गए, कुछ जख्म लगे थे इस दिल पर., कुछ अंदर से हम टूट गए..
दिल से खेलना तो हमे भी आता है लेकिन जिस खेल मे खिलौना टुट जाए वो खेल हमे पसंद नही..
वार दिल पर जालीम बे-हिसाब करती है, वो बिखरा कर जुल्फें, हिजाब करती है..
उनकी दिल्लगी तो देखो, हमारे दिल पर भारी है. वो तो चल दिए हंसकर, यहाँ बरसात जारी है..
ठान लिया था कि अब और इश्क पर नहीं लिखेंगे, पर उनका दिल पर दस्तक हुई और अल्फ़ाज़ बग़ावत कर बैठे..
साथ रहेंगे तब तक दिल में धड़कन हैं तब तक..
न ढुंढो मेरे दिल के किताब में खुशिंयों का पन्ना, हर एक पन्ना तेरी बेवफ़ाई ने ही जलाया हैं..
कुछ नशा तो आपकी बात का है, कुछ नशा तो आधी रात का है . हमे आप यूँ ही शराबी ना कहिये इस दिल पर असर तो आप का है..
क़भी चुपके से मुस्कुरा कर देखना, दिल पर लगे पहरे हटा कर देख़ना, ये ज़िन्दग़ी तेरी खिलखिला उठेगी, ख़ुद पर कुछ लम्हें लुटा
कर देखना..
मेरी चाहत देखनी है तो मेरे दिल पर अपना दिल रखकर देख, तेरी धडकने न बढ़ जाये तो मेरी मुहब्बत ठुकरा देना..
पत्थर तो बहुत मारे थे लोगो ने मुझे, लेकिन जो दिल पर आ के लगा वो किसी अपने ने मारा..
दिल ने ना जाने कब दर्द से दोस्ती कर ली, हम तो बस खामोश निगाहो से, ज़िंदगी के कहकहे देखते रहे..
कहीं आज़ादी नहीं है मेरे दोस्त बस दिलों के क़ैद खाने छोटे बड़े हैं..
दिल को छु जाती है, एक तुम और एक बाते तुम्हारी...
ना जाने कौन सी दौलत है तेरे लफ़्जों में❓ बात करते हो तो दिल खरीद लेते हो..
भूलने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता, मैंने नहीं मेरे दिल ने चुना है तुम्हें..
मैने रंग दिया हर पन्ना तेरे नाम से, मेरी किताबों से पूछ इश्क किसे कहते हैं..
कभी सीने से लगा कर मेरे दिल की धड़कन तो सुन, हर पल तुम्हारा ही नाम लेती है..
तेरी आँखों में शरारत सी है, बताओ दिल लेना चाहते हो या जान ..
कल तक सिर्फ़ एक अजनबी थे तुम, आज दिल की एक एक धड़कन पर हुकूमत है तुम्हारी..
तेरी चाहत तो मुक्कदर है मिले ना मिले दिल को सुकुन जरुर मिलता है तुझे अपना सोचकर..
मेरे दिल से उसकी हर गलती माफ़ हो जाती है, जब वो मुस्कुरा के पूछती है, नाराज हो क्या..
काश दिल की आवाज़ मै इतना असर हो जाये. हम याद करें,और उनको खबर हो जाये..
गलत सुना था कि इश्क आँखों से होता है, दिल तो वो भी ले जाते है जो पलकें तक नही उठाते..
और ज़िक्र क्या कीजे अपने दिल की हालत का कुछ बिगड़ती रहती है कुछ सँभलती रहती है. एजाज़ सिद्दीक़ी..
दुनिया पसंद आने लगी दिल को अब बहुत, समझो कि अब ये बाग़ भी मुरझाने वाला है. जमाल एहसानी..
Dil par Whatsapp Status in Hindi 2 Line
न झटको ज़ुल्फ़ से पानी ये मोती टूट जाएँगे, तुम्हारा कुछ न बिगड़ेगा मगर दिल टूट जाएँगे. राजेन्द्र कृष्ण..
फिरते हुए किसी की नज़र देखते रहे, दिल ख़ून हो रहा था मगर देखते रहे. असर लखनवी..
आप की याद आती रही रात भर' चाँदनी दिल दुखाती रही रात भर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़..
रात भर उन का तसव्वुर दिल को तड़पाता रहा, एक नक़्शा सामने आता रहा जाता रहा. अख़्तर शीरानी..
हम ने सीने से लगाया दिल न अपना बन सका, मुस्कुरा कर तुम ने देखा दिल तुम्हारा हो गया. जिगर मुरादाबादी..
अँधेरी रात को मैं रोज़-ए-इश्क़ समझा था, चराग़ तू ने जलाया तो दिल बुझा मेरा अब्दुल रहमान एहसान देहलवी..
आदमी आदमी से मिलता है, दिल मगर कम किसी से मिलता है. जिगर मुरादाबादी..
सीने की जगह आँखों में दिल धड़कता हैं, ये इंतज़ार के लम्हे बड़े अजीब होते हैं..
यूँ चले जाते हैं अपनी ही महफ़िल से रुखसत होकर यूँ दिल को लगाकर जलाना कोई उनसे सीखे..
अदा से देख लो जाता रहे गिला दिल का, बस इक निगाह पे ठहरा है फ़ैसला दिल का..
आग दिल में लगी जब वो खफा हुए, महसूस हुआ तब जब वो जुदा हुए, करके वफा कुछ दे ना सके वो, पर बहुत कुछ दे गये जब वो बेवफ़ा हुए.
कौन कहता है कि दिल सिर्फ सीने में होता है, तुझको लिखूँ तो मेरी उंगलियाँ भी धड़कती है.
दिल लेके मुफ्त कहते हैं कुछ काम का नहीं, उल्टी शिकायतें हुईं अहसान तो गया.
दिल टूटने से बड़ा धमाका कुछ और नहीं होता, हर पल उसी की यादें गूजती रहती है दिल में.
फिर नही बसते वो दिल जो एक बार उजड़ जाते हैं, कब्रे जितनी भी सजा लो पर जिन्दा कोई नही होता.
तुम्हें तो हमने दिल में रखा था, तुम थोड़ा सा दिल ही रख लेते.
तेरा ख़याल तेरी तलब और तेरी आरज़ू, इक भीड़ सी लगी है मेरे दिल के शहर में.
चलो दिल की अदला-बदली कर लें, तड़प क्या होती है समझ जाओगे.
दुनिया पसंद आने लगी दिल को अब बहुत, समझो कि अब ये बाग़ भी मुरझाने वाला है. जमाल एहसानी
कहीं आज़ादी नहीं है मेरे दोस्त, बस दिलों के क़ैद खाने छोटे बड़े हैं.
तेरा नाम था आज किसी अजनबी की जुबान पे आया, बात तो जरा सी थी, पर दिल ने बुरा मान लिया..
आज फिर मौसम नम हुआ, मेरी आँखों की तरह, शायद बादलों का भी दिल, किसी ने तोड़ा होगा..
इस से ज़्यादा तुम्हे और, कितना करीब लाऊँ मैं, तुम्हे दिल में रख कर भी, दिल मेरा नहीं भरता..
ताल्लुक हो तो रूह से रूह का हो. दिल तो अकसर एक दूसरे से भर जाया करते हैं ..
क्यों ना सजा मिलती हमे महोब्बत में, आखिर हमने भी बहुत दिल तोड़े थे उस शख्स की खातिर..
सुनो दोस्तों किसी ने मेरा दिल तोड़ा है, अब आप ही बताओ अपनी जान दू?, या उसे जाने दू.?..
किसी के पाँव से काँटा निकाल कर देखो, तुम्हारे दिल की चुभन जरूर कम होगी..
क्या कशिश थी उस की आँखों में..मत पूछो. मुझ से मेरा दिल लड़ पड़ा मुझे यही चाहिये..
दावे दोस्ती के मुझे नहीं आते यारो, एक जान है जब दिल चाहें मांग लेना..
मुझे रिश्तो की लम्बी कतारों से क्या मतलब, कोई दिल से हो मेरा तो ? एक, शख्स ही काफी है..
तमाम लोगों को अपनी अपनी मंजिल मिल चुकी, कमबख्त हमारा दिल है, कि अब भी सफर में है..
मुझे आदत नहीं यूँ हर किसी पे मर मिटने की, पर तुझे देख कर दिल ने सोचने तक की मोहलत ना दी..
तुम ज़माने की राह से आए, वर्ना सीधा था रास्ता दिल का. बाक़ी सिद्दीक़ी..
वो दिल लेकर हमें बेदिल ना समझें उनसे कह देना, जो हैं मारे हुए नज़रों के उनकी हर नज़र दिल है। मीर तक़ी मीर..
तुम ज़माने की राह से आए, वर्ना सीधा था रास्ता दिल का. बाक़ी सिद्दीक़ी..
जैसा दिल जहाँ ले जाए दिल के साथ जाना चाहिए, इस से बढ़ कर और कोई रहनुमा होता नहीं. जमील यूसुफ़..
जाने वाले से मुलाक़ात न होने पाई दिल की दिल में ही रही बात न होने पाई. शकील बदायुनी..
ज़ख़्म कहते हैं दिल का गहना है, दर्द दिल का लिबास होता है. गुलज़ार..
दर्द हो दिल में तो दवा कीजे, और जो दिल ही न हो तो क्या कीजे? मंज़र लखनवी..
दर्द-ए-दिल से उठा नहीं जाता. जब से वो हाथ रख गए दिल पर. जलील मानिकपूरी..
काश की खुदा ने दिल शीशे के बनाये होते, तोड़ने वाले के हाथों में जख्म तो आए होते.
कौन कहता है कि दिल, सिर्फ सीने में होता है, तुझको लिखू तो मेरी, उंगलियाँ भी धड़कती है.
दिल एक है तो, कई बार क्यों लगाया जाये, बस एक इश्क़ ही काफी है, अगर निभाया जाये.
दिल पागल है रोज़ नई नादानी करता है, आग में आग मिलाता है फिर पानी करता है.
Dil Status for Whatsapp & Facebook In Hindi
क्या कशिश थी उस की आँखों में मत पूछो, मुझ से मेरा दिल लड़ पड़ा मुझे यही चाहिये.
दिल ने सोचा था उसे टूट कर चाहेंगे, सच में चाहा भी बहुत टूटे भी बहुत.
तेरी चाहत तो मुक्कदर है मिले ना मिले, दिल को सुकुन जरुर मिलता है तुझे अपना सोचकर.
जब दिल ने तड़पना छोड़ दिया, जलवों ने मचलना छोड़ दिया, पोशाक बहारों ने बदली, फूलों ने महकना छोड़ दिया.
वक़्त मिले तो कभी रखना कदम दिल के आँगन में, हैरान रह जाओगे मेरे दिल में अपना मुकाम देख कर..
आईना आज फिर रिशवत लेता पकडा गया, दिल में दर्द था ओर चेहरा हंसता हुआ पकडा गया..
रोज कहाँ से लाऊँ एक नया दिल, तोड़ने वालों ने तो मजाक बना रखा है।..
तेरी याद ने मेरा बुरा हाल कर दिया, तन्हा मेरा जीना मुहाल कर दिया सोचा जो अब तुम्हे याद न करुँ, तो दिल ने धडकने से इन्कार कर दिया..
हमने पूछा 'दीवानगी' क्या होती है वो बोले दिल तुम्हारा और हक़ूमत हमारी..
खुदा का शुक्र है कि ख्वाब बना दिए, वरना तुम्हें देखने की तो हसरत दिल में ही रह जाती..
कैसे कहूँ कि, इस दिल के लिए कितने खास हो तुम. फासले तो कदमों के हैं, पर, हर वक्त दिल के पास हो तुम..
दिल धड़कता है तो डर सा लगा रहता है, कोई सुन ना ले, मेरी धड़कन मे नाम तेरा..
उस शख्स में बात ही कुछ ऐसी थी, दिल नहीं देते तो जान चली जाती..
परछाई आपकी हमारे दिल में है, यादे आपकी हमारी आँखों में है, कैसे भुलाये हम आपको, प्यार आपका हमारी साँसों में है.
ऐ दिले नादान मुझे हुआ क्या हैं, आखिर इस दर्द कि दवा क्या हैं, हमको उनसे हैं उम्मीद वफा की, जो जानते ही नहीं वफा क्या हैं.
हम ने सिने से लगाया, दिल न अपना बन सका, मुस्कुरा कर तुम ना देखा, दिल तुम्हारा हो गया.
इश्क़ हारा है तो दिल थाम के क्यों बैठे हो, तुम तो हर बात पर कहते थे कोई बात नहीं.
अब किसी भी तरफ से निकले करवा, वीरानियां तो मेरे दिल में बस चुकी है.
अच्छी सूरत वाले सारे पत्थर-दिल हो मुम्किन है, हम तो उस दिन राय देंगे जिस दिन धोका खायेंगे.
तुम चाहे बंद कर लो दिल के दरवाजे सारे, हम दिल मे उतर आएंगे कलम के सहारे.
मेरे लबों का तबस्सुम तो सबने देख लिया, जो दिल पे बीत रही है वो कोई क्या जाने.
अभी तक मौजूद हैं इस दिल पर तेरे कदमों के निशान, हमने तेरे बाद किसी को इस राह से गुजरने नहीं दिया.
ताल्लुक हो तो रूह से रूह का हो, दिल तो अकसर एक दूसरे से भर जाया करते हैं.
गुजरा फिर यादों का झोंका, दिल ने फिर साँसों को रोका.
दिल पर हम बेवज़ह इल्ज़ाम लगाते हैं, धोखा तो अक्सर धड़कन दिया करती है.
आदमी आदमी से मिलता है, दिल मगर कम किसी से मिलता है.
हम तो कुछ देर हँस भी लेते हैं, दिल हमेशा उदास रहता है. बशीर बद्र
दिल भी फ़रेबी मेरी जान भी फ़रेबी, न ये जान जाती है न ये दिल लौट कर आता है.
दिल पर चोट पड़ी है तब तो आह लबों तक आई है, यूँ ही छन से बोल उठना तो शीशे का दस्तूर नहीं.
यूँ तसल्ली दे रहे हैं हम दिल-ए-बीमार को, जिस तरह थामे कोई गिरती हुई दीवार को क़तील शिफ़ई
दिल भी वही है धड़कन भी वही हैं, बस सुनने वाले की नीयत बदल गई है.
दिल में अब यूँ तेरे भूले हुये ग़म आते हैं, जैसे बिछड़े हुये काबे में सनम आते हैं.
दिल में हर बात आज भी वही है, ज़ाहिर है तुझ पे मेरा हक़ नहीं है, देखते देखते यु मंज़र बदल गया, तू मेरा होकर भी मेरा नहीं है.
ख्वाब दिल ने तुझे पाने के देख लिये, वरना खुशमिजाज हुआ करते थे, हम भी कभी.
तेरा नाम था आज अजनबी की जुबान पर, बात जरा सी थी पर दिल ने बुरा मान लिया.
काश वो समझते इस दिल की तड़प को, तो यूँ हमें रुसवा ना किया होता.
अगर देख लेते जख्म हमारे दिल का, तो आप यूं संवर कर नहीं निकलते.
किसी से इश्क़ उतना ही कीजिये, दिल टूटने पर उसे जोड़ा जा सके.
जैसा दिखता हूँ , सच में वैसा ही हूँ दिल से, यूँ मुझे चेहरे पे चेहरा, लगाना नही आता उस बेवफा की तरह..
चलते चलते हमसे पूछा पाऊँ के छालो ने. बस्ती कितनी दूर बसा ली, दिल में बसने वालो ने..
तमन्ना हो अगर मिलने की , तो हाथ रखो दिल पर. हम धड़कनों में मिल जायेंगे..
अभी तक मौजूद हैं इस दिल पर तेरे कदमों के निशान, हमने तेरे बाद किसी को इस राह से गुजरने नहीं दिया ..
दिल टूटा है सम्भलने में कुछ वक्त तो लगेगा, हर चीज़ इश्क़ तो नहीं कि एक पल में हो जाये..
तजुर्बा कहता है मोहब्बत से किनारा कर लूँ, और दिल कहता है ये तज़ुर्बा दोबारा कर लूँ ..
तुम्हे दिल से भूलने के लिए मुझे बस एक पल चाहिए, वो पल जिसे मौत लोग कहते है..
अब कहा जरुरत है हाथों मे पत्थर उठाने की, तोडने वाले तो जुबान से ही दिल तोड देते हैं..
चल न उठके वहीं चुपके चुपके तू ऐ दिल, अभी उसकी गली से पुकार के लाया हूँ..
उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है, जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है, दिल टूटकर बिखरता है इस कदर, जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है..
मेरी आँखों में मत ढूंढा करो खुद को पता है ना, तुम दिल में रहते हो खुदा की तरह..
इस दिल को अगर तेरा एहसास नही होता, तू दूर भी रहकर यूं दिल के पास नही होता. इस दिल ने तेरी चाहत कुछ ऐसे बसा ली है, इक लम्हा भी तुझ बिन कुछ खास नही होता..
जब दिल ने तड़पना छोड़ दिया, जलवों ने मचलना छोड़ दिया पोशाक बहारों ने बदली, फूलों ने महकना छोड़ दिया..
किसी का क्या जो क़दमों पर जबीं-ए-बंदगी रख दी, हमारी चीज़ थी हमने जहां जानी वहां रख दी, जो दिल माँगा तो वो बोले ठहरो याद करने दो, ज़रा सी चीज़ थी हमने जाने कहाँ रख दी..
मोहब्बत रंग दे जाती है जब दिल दिल से मिलता है, मगर मुश्किल तो ये है दिल बड़ी मुश्किल से मिलता है. जलील मानिकपूरी..
हर धड़कते पत्थर को लोग दिल समझते हैं, उम्रें बीत जाती हैं दिल को दिल बनाने में बशीर बद्र ..
सो जा ऐ दिल आज धुंध बहुत है. तेरे शहर में अपने दिखते नहीं और जो दिखते है वो अपने नहीं..
इतना मैं इंतिज़ार किया उस की राह में, जो रफ़्ता रफ़्ता दिल मिरा बीमार हो गया हातिम, शैख़ जहूरूद्दीन..
होंठो कि हंसी को न समझ हकीकत-ए-जिन्दगी, दिल में उतर कर देख हम कितने उदास हैं तेरे बिन..
दिलबर की दिल-लगी में दिल अपना खो चुके हैं, कल तक तो खुद के थे आज आप के हो चुके हैं..
मैं शब्दों से खेलती हूँ हैरान होते हैं लोग, करती हूँ हाले दिल बयान तो परेशान होते हैं लोग..
ख़रीदार बहुत थे इस दिल के, बेच देते, अगर इस में तेरी याद ना होती..
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