हेलो दोस्तों, आज की इस पोस्ट में हम आपके लिए Game शायरी लेकर आये है। अगर आप भी Game शायरी ढूंढ रहे है तो आप बिल्कुल सही जगह पर है। आप इन Game शायरी को अपने सोशल मीडिया पर शेयर कर सकते है। उम्मीद है कि यह पोस्ट पसंद आएंगे।
खेल शायरी - Game Shayari in Hindi
नसीब के खेल को इश्क़ में मत आजमा,
अगर तू सच्चा है तो उसे पाने में पूरा दम लगा.
खेल मिनटों का है पर मौत सबको डराती है,
हकीकत में ये जिंदगी हमको बड़ा सताती है.
जिंदगी की हर ख़ुशी मुझको देता साकी है,
थोड़ा और पिला अभी चंद साँसों का खेल बाकी है.
दूर रहना, तेरा-मेरा कोई मेल नहीं,
इश्क़ है कोई बच्चों का खेल नहीं,
वाह रे जिंदगी तूने क्या खेल खेला है,
प्यार लुटाने वाला भी आज अकेला है.
जिस दिन तुम हृदय से हार जाओगे,
उस दिन जिंदगी का कोई खेल नहीं जीत पाओगे।
वक्त में बड़ी ताकत होती है
कभी खिलाड़ी बना देता है
तो कभी खिलौना बना कर नचा देता है.
वक़्त के इस खेल में हम ही खिलाड़ी का किरदार निभा रहे थे और खिलोने का भी।
ये पूरा खेल ऊपर वाले का बनाया हुआ है हम तो बस उसके मोहरे हैं वो जैसे मर्ज़ी वैसे चला लेता है।
ज़िन्दगी जंगल है यहाँ या तो राजा जैसा शेर बन जाओ या फिर डरपोक भेड़ बन जाओ।
इश्क़ अब खेल बन गया है जिसमे मासूमों का दिल खिलौना होता है।
अभी तो राख ही हुए है तेरे इश्क़ में अभी तो बिखरना इस खेल में बाकी है।
वजूद बनाना है इस ज़िन्दगी के खेल में तो डर कर नहीं लड़ कर खेलना सीखो।
खेलने वाले लाखों मिल जाएंगे इस दिल से, लेकिन इसे चाहने वाला कोई एक नहीं मिलेगा।
ये ज़िन्दगी का खेल किसी सिक्के से कम नहीं कब किस तरफ पलटेगा कोई नहीं जानता।
ज़िन्दगी के इस खेल को दिल से नहीं दिमाग से खेलना, दिल से खेलने वालों को ये दुनिया खिलौने बनाकर खेलती है।
कामियाबी के खेल में जो खो जाता है वो मंज़िल पा लेता है।
जिंदगी के खेल से हैरान नहीं होते,
वक्त-वक्त की बात है परेशान नहीं होते।
थोड़ी सी चूक हुई उनसे दिल लगा बैठे,
इश्क़ के खेल में हम अपना दिल गवां बैठे।
बचपन में हम खेलते थे,
अब जिदंगी हमसे खेलती है.
माना तू बड़ा नादाँ और बड़ा प्यारा है,
पर जिस दिल से तूने खेल वो हमारा है.
थोड़ी सी चूक हुई उनसे दिल लगा बैठे,
इश्क़ के खेल में हम अपना दिल गवां बैठे।
बचपन में हम खेलते थे,
अब जिदंगी हमसे खेलती है.
माना तू बड़ा नादाँ और बड़ा प्यारा है,
पर जिस दिल से तूने खेल वो हमारा है.
बेटा हम खिलाड़ी🙋♂️ भी उस गेम🔥 के हैं जो हर किसी के खेलना बसकी बात 🎲नहीं
बेटा गेम👑 से बाहर निकल तेरा गेम😡 बजा डालूंगा
बेटा मुझे गेम ☝️का हीरो बनने का कोई 🔥शौक नहीं है मैं तो 😡विलन ही ठीक हूं
बेटा मुझसे मत 😡उलझ ना कोई रिवाइव देने 🔥वाला भी नहीं मिलेगा
तू चिकन 🐥डिनर करता होगा रोज🔥 लाइफ में पर एक बार तो पब्जी🤸♂️ में आजा
हम बेटा 🔥वो हैं जो रात रात में गेम 🎲पलट दें
जिंदगी तो एक 🔥खेल है और हम इस खेल 🎲के खिलाड़ी
बेटा हम वो खेल🎲 नहीं खेलते जिसमें जीतना💪 फिक्स हो
बेटा मुझे कोई 🔥फर्क नहीं पड़ता लोग🎲 मुझे क्या कहते हैं पर मैं आज तेरी कह कर 🧎♂लूंगा इस गेम में
बेटा इस खेल🎲 में भी और तेरी जिंदगी☝️ में भी दोनों में तेरा 🏃🏻♂️मिशन फेल है
हम जितना🎲 GAME के शौकीन हैं उतना 🔥जीत के भी👑 शौकीन है
शतरंज और ज़िन्दगी में एक बात सामान होती है आखिर में जीतता वही है जो दिल से नहीं दिमाग से खेलता है।
खेलने को खिलौने कम नहीं थे फिर भी उसने मेरे दिल को ही चुना।
ज़िन्दगी का खेल तब ख़त्म नहीं होता जब तुम हार जाते हो बल्कि तब ख़त्म हो जाता है जब तुम खेलना छोड़ देते हो।
मर कर जीने से अच्छा है अपनी जान छोड़ देना, डर कर खेलने से अच्छा है मैदान छोड़ देना।
सबसे बड़ा खिलाड़ी वो नहीं जो कभी हारता नहीं बल्कि वो है जो कभी हार नहीं मानता।
खेल क़िस्मत का ही क्यों ना हो मेहनत बाज़ी पलट ही देती है।
ये खेल आसान नहीं ज़िन्दगी है यहाँ खिलाड़ी भी खुद बनना पड़ता है और निर्णायक भी।
उससे कहो की अब फिरसे ना खेले, बड़ी मुश्किल से दिल से किसी पर भरोसा किया है मुझ पर एहसान करे मेरे दिल से ना खेले।
इश्क़ अब जिस्म का खेल बन चूका है अब दिल तो सबके पत्थर बन चुके हैं।
प्यार का खेल कुछ इस तरह खेलने लगे है लोग,
मोहब्बत करके इक-दुसरे को झेलने लगे है लोग.
जिंदगी का खेल आसान नहीं होता है,
पर मेहनत करने वाला परेशान नहीं होता है.
रूकता नहीं तमाशा, रहता है खेल जारी;
उस पर कमाल ये है, कि दिखता नहीं मदारी।
आज भी हमे सारे खेल पसंद है,
पर दिल के जज्बातों से नहीं खेलते है.
सारे जहाँ का दर्द समेट कर मेरे दिल में भर दो,
अगर खेल चुके हो मेरे दिल से तो वापस कर दो.
खेल ताश का हो या जिदंगी का ये याद रखना,
तुरप का इक्का हमेशा छुपा के रखना।
नसीब का खेल भी अजीब तरह खेला हमने,
जो ना था मेरा उसे टूट कर चाहा हमने।
इश्क में चोट खाई फिर भी दिल को संभाला,
मोहब्बत भी एक खेल था, शौक से खेल डाला।
इश्क़ का खेल अब यादों अजीब हो गया है,
अब इंसान का दिल बहुत गरीब हो गया है.
पता था इश्क़ के खेल का नतीजा जुदाई है,
मैंने ये बात अपने दिल को पहले ही बताई है.
जिंदगी का खेल जारी है,
अभी तो मैंने सिर्फ एक बाजी हारी है,
क्यों उदास हो जाए मन को मारकर
अभी मेरे पास बची बाजी सारी है.
वो जिंदगी का खेल हार जाते है,
जिनके जज्बात और जमीर मर जाते है.
जिंदगी का खेल भी साइकिल की तरह है,
चलाने आ जाए तो आसान वरना कर दे परेशान।
जिसका खेल समझ में न आये उसे जादूगर कहते है,
जो खेल हार कर भी दिल जीत ले उसे बाजीगर कहते है.
जिंदगी थी मेरी उसने बना दिया था खेल,
औरों के लिए थी खिड़की मेरे लिए थी जेल.
दुनिया खेलती रही मेरे साथ ताश के पत्तो की तरह,
जो जीता वो भी फेका और जो हार वो भी फेका।
राजनीति के खेल में किसे अच्छा और किसे बुरा कहे,
वो किसान कल भी परेशान था और आज भी परेशान है.
ज़िन्दगी से बड़ा ना कोई और दूसरा गुरु होता है, जहाँ लगने लगे खेल ख़त्म वही सब कुछ शुरू होता है।
सिर्फ खिलौनों से खेला जाता है ये बचपन में लगता था, बड़े हुए तो जाना अब सब सब दिल से खेलना पसंद करते हैं।
तक़दीर का खेल था हमने मेहनत कर जीत लिया, ज़माने लग गए दुनिया को खेल समझते-समझते हमने चंद पलों में ये समझ लिया।
खेल ले मेरे दिल से ये एक दफा फिर तैयार है, क्या करे अब दिल भी ये इसे बस तुझसे प्यार है।
कामियाबी की भूख है तो नीयत प्यासी होनी चाहिए, खेल जीतना चाहते हो तो मेहनत अच्छी खासी चाहिए।
ये खेल बहादुरी है तू खेल, तू ना डर, या तू शेर बन कर जीत, या तू भेड़ बन कर मर।
हम छोटे 😡गेम के खिलाड़ी नहीं 🔥बेटा
अबे तू क्या तेरा बाप😡 भी नहीं हरा सकता मुझे किसी गेम 🎲 में
बेटा अब🎲 क्या करेगा तू अब तो Game🔥 Over हो गया
हम तो इस 👑गेम में जीत🔥 हासिल कर ही लेंगे तू बता 🧎♂बेटा तू क्या करेगा🎲
बेटा इस गेम में तो 🎲मुझे तेरा 💪बाप भी नहीं हरा सकता फिर तू क्या🔥 हराएगा
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