Ishq Shayari - दोस्तों, जो लोग इश्क़ करते है वह इंटरनेट पर इश्क़ शायरी ढूंढते है। इस आज की इस पोस्ट में हम आपके लिए इश्क़ पर शायरी लेकर आये है। आप इन शायरी को इंटरनेट पर शेयर कर सकते है। उम्मीद है आपको यह पोस्ट पसंद आएगी।
इश्क़ शायरी - Ishq Shayari in Hindi 2024
इश्क़ इक भारी पत्थर है
कब ये तुझ ना तवाँ से उठता है!
आज कोई गज़ल तेरे नाम ना हो जाए
आज कही लिखते लिखते शाम ना हो जाए!
इश्क़ जब तक न कर चुके रुस्वा
आदमी काम का नहीं होता!
अजब चिराग हूँ दिन रात जलता रहता हूँ
थक गया हूँ मैं हवा से कहो बुझाए मुझे।
इश्क का रोग है जाता नहीं कसम से
गले में डालकर सारे ताबीज देखे मैंने!
इश्क़ है इश्क़ ये मज़ाक़ नहीं
चंद लम्हों में फ़ैसला न करो!
कुछ खेल नहीं है इश्क़ करना
ये ज़िंदगी भर का रत जगा है!
सुनो मुझे इश्क़ हुआ है
दूर रहना तुम हमसे सुना है
ये मर्ज छूने से बढ़ जाता है !
शमा जली है मोहब्बत की परवाने पास आएंगे
माशूक निकले हैं सज धज कर अब इश्क़ का माहोल बनाएंगे !
हर वक़्त फ़िराकमें रहता है ये मेरा इश्क़
तुमसे मिलने को कहता है !
इश्क ने कब इजाजत ली है आशिकों से
वो होता है और हो कर ही रहता है !
इश्क़ का रोग भला कैसे पलेगा मुझ से
क़त्ल होता ही नहीं यार अना का मुझ से !
हम इस कदर तुम पर मर मिटेंगे
तुम जहाँ देखोगे तुम्हे हम ही दिखेंगे!
इश्क़ अगर ख़ाक ना करे
तो ख़ाक इश्क़ हुआ !
इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश ग़ालिब
कि लगाए न लगे और बुझाए न बने !
शायरी उसी के लबों पर सजती है साहिब
जिसकी आँखों में इश्क़ रोता हो!
बार-बार वो हमपे इलज़ाम लगाते है।
कि वो कितना ही सम्भाले अपना दिल
हम हर दफा चुरा ले जाते है।
कोहरा-सा बनकर मेरे दिल पे छा गए हो ,
तुम्हारे सिवाय कुछ दिखता ही नहीं।
राख से भी आएगी खुशबू मोहब्बत की ,
मेरे खत तुम सरेआम जलाया ना करो।
लिखने को हर दिन आधा इश्क़ लिखता हूँ ,
तुम आओगे तभी तो पूरा होगा।
इस कदर ये इश्क़ ऐसी साजिशें रचता है ,
कि मेरे चेहरे में उसका चेहरा दिखता है।
हर वक़्त फ़िराक में रहता है ,
ये मेरा इश्क़ तुमसे मिलने को कहता है।
जितना तुम्हारा दीदार होता है ,
मुझे तुमसे इश्क़ उतनी बार होता है।
लगता है इश्क़ अपने
उसूलों पे कायम ही रहेगा ,
ये कल भी तकलीफ देता था
और आगे भी तकलीफ देगा।
इतनी गहराइयो में जा पहुचा है इश्क़ मेरा
देखना पैमाना भी छोटा पड जाएगा तेरा।
क़र्ज़ चढ़ गया है अब
तुम पर मेरे प्यार का ,
तो सवाल ही नहीं उठता
तुम्हारे इंकार का।
जब होना होता है
तब होके रहता है ,
ये इश्क़ है इस पर
किसका ज़ोर चलता है।
हर दिन याद कर
हाज़िरी लगा देते है ,
तुम्हारे दिल में पल रहे
हमारे इश्क़ की।
होशवालों को खबर क्या
कि बेखुदी क्या चीज़ है,
इश्क़ कीजिये फिर समझिये
कि ज़िंदगी क्या चीज़ है।
तुम चाहो अगर तो लिख दो
इश्क़ मेरी तकदीर में
तुमसे खूबसूरत इबादत तो
जन्नत में भी नही!
इश्क़ में भी कोई अंजाम हुआ करता है
इश्क़ में याद है आग़ाज़ ही आग़ाज़ मुझे!
Ishq Quotes In Hindi
चाहत में डूबने का हक़ सभी को है पर दुनिया के सामने
इनकार सभी को हैबेशक कोई छुपा ले दिल की गहराइयों में
पर किसी ना किसी से तो प्यार सभी को है!
महफ़िल सजी है सनम भी ऑनलाइन हैं
हम कंफ्यूज हैं इश्क़ करे या शायरी!
मन में छुपे राज़ बताऊ कैसे
तुम्हे अपना करीब लावू कैसे
दिल के अरमान दिल में रेह न जाए कभी
चाहत अपनी तुज पर जताऊ भी तो कैसे!
मैं आदत हूँ उसकी वो ज़रूरत है मेरी
मैं फरमाइश हूँ उसकी वो इबादत है मेरी
इतनी आसानी से कैसे
निकल दू उसे अपने दिल से
मैं ख्वाब हूँ उसका वो हक़ीक़त है मेरी !!
लफ़्ज़ों से तुम मेरी तारीफ कर लो
इश्क हम तेरी आंखो में ढूँढ लेंगे!
बादशाह थे हम अपनी मिजाज ए मस्ती के
इश्क़ ने तेरे दीदार का फ़क़ीर बना दिया!
क्या किसी से उसका हाल पूछें
नाम भी तो लिया नहीं जाता।
इश्क़ का रोग भला कैसे पलेगा मुझ से
क़त्ल होता ही नहीं यार अना का मुझ से!
नजर नमाज नजरिया सब कुछ बदल गया
एक रोज इश्क हुआ मेरा खुदा बदल गया!
इश्क़ वही है जो हो एकतरफा हो
इज़हार ऐ इश्क़ तो ख्वाहिश बन जाती है
है अगर मोहब्बत तो आँखों में पढ़ लो
ज़ुबान से इज़हार तो नुमाइश बन जाती है!
आपकी निगाहो से काश कोई इशारा होता
ज़िंदगी मे मेरी जान जीने का सहारा होता
फ़ना कर देते हम हर बंधन ज़माने के
आपने एक बार दिल से पुकारा होता!
इबादत ए इश्क बस इतना है तु रहे
सदा पास मेरे मै रहू सदा एहसासो मे तेरे!
इक बात कहूँ इश्क़ बुरा तो नहीं मानोगे,
बड़ी मौज के थे दिन, तुमसे पहचान से पहले।
एक बात पूछो और मुस्कुरा कर जवाब दो..
मुझे रुला कर खुश हो ??
यह वही है जो मुझे जीवन पर गर्व करता है,
आपने मुझे बहुत देर कर दी है
प्यार से कोई तरकीब करते हो तो
मुझमें हारने की हिम्मत है।
हमें अपने पास कैद करके कहीं रख दो,
काश हम कुछ ऐसा कर पाते।
प्यार लिखने के लिए प्यार का होना बहुत जरूरी है।
बिना जहर का स्वाद पिए कोई कैसे बता सकता है?
कोहरा सा बनकर मेरे दिल पे छा गए हो
तुम्हारे सिवाय कुछ दिखता ही नहीं !
अपनों की महफिल में गैर भी हैं इश्क के दुश्मन
और भी हैं मैं तो चाहता हूँ आपको मगर आपके चाहने
वाले और भी हैं !
बरसों से कायम है इश्क़ अपने उसूलों पर
ये कल भी तकलीफ देता था ये आज भी तकलीफ देता है !
इश्क एक नशा है दिल की चाहत है
दिलों का सरूर प्यार हो जाता है
नजरों से किसकी खता किसका कसूर !
राख से भी आएगी खुशबू मोहब्बत की
मेरे खत तुम सरे आम जलाया ना करो !
बंद कर दिए हैं हमने तो दरवाजे इश्क के
पर कमबख़्त तेरी यादें तो दरारों से ही चली आई !
तेरे इश्क़ में हर इम्तिहान दे देंगे
हमे है तुमसे मोहब्बत सारी दुनिया से कह देंगे !
लिखने को हर दिन आधा इश्क़ लिखता हूँ
तुम आओगे तभी तो पूरा होगा !
बड़ी अजीब सी मोहब्बत थी तुम्हारी
पहले पागल किया फिर पागल कहा
फिर पागल समझ कर छोड़ दिया!
चाहे कितनी भी तकलीफ दे इश्क़
पर सुकून भी इश्क़ से ही मिलता है!
साहिब ए अकल हो तो एक मशविरा तो दो
एहतियात से इश्क करुं या इश्क से एहतियात!
लफ़्ज़ों से तुम मेरी तारीफ कर लो
इश्क हम तेरी आंखो में ढूँढ लेंगे!
sad ishq shayari
इश्क का दस्तूर ही ऐसा है
जो इस को जन लेता है ये उसकी जान लेता है !
मुक़म्मल इश्क़ तो इबादत है
बस करते चले जाना है!
2 line ishq shayari
सोच कर पांव डालना इसमें इश्क दरिया नहीं दलदल है!
इश्क़ है या कुछ और ये तो
पता नहीं पर जो तुमसे है
वो किसी और से नही!
प्यार करना सीखा है नफरतो का कोई ठौर नही
बस तु ही तु है इस दिल मे दूसरा कोई और नही!
जिसे इश्क़ का तीर कारी लगे
उसे ज़िंदगी क्यूँ न भारी लगे !
मै खुद लिखता हूँ मोहब्बत
तुम आइने को संवार लो
मै अपनी खुशबु बिखेर देता हूँ
तुम अपनी जुल्फों को सवार लो !
सांसो को प्यारी आप की चाहत
धड़कनो को प्यारी आपकी मोहब्बत
जिंदगी को प्यारी आप की मुस्कुराहट !
चर्चे किस्से नाराजगी आने दो मुझको इश्क़ में
और इश्क़ को मुझमें मशहूर हो जाने दो!
सख़्त काफ़िर था जिन ने पहले
मज़हब ए इश्क़ इख़्तियार किया!
साथ देना चाहते है आप की हर राह मे
जिंदगी जीना चाहते है
आप की बाहों मे बन जाना साँसे हमारी ओर
कर देना एहसान इतना जो हो
हमारा प्यार सच्चा इस दुनिया मे !
सुना है हश्र हैं उस की ग़ज़ाल सी आँखें
सुना है उस को हिरन दश्त भर के देखते हैं!
नज़रे मिले तो प्यार हो जाता है
पलके उठे तो इज़हार हो जाता है
ना जाने क्या कशिश है चाहत मैं
के कोई अंजान भी
हमारी ज़िंदगी का हक़दार हो जाता है!
नशा है इश्क़ खता है इश्क़
क्या करें यारो बड़ा दिलकश है इश्क़!
फरवरी की एक सर्द शाम और साथ तुम्हारा हो
काश कुछ पल ही सही ख़्वाब ये सच हमारा हो!
दिल की आवाज़ को इज़हार कहते है
झुकी निगाह को इकरार कहते है
सिर्फ़ पाने का नाम इश्क़ नही
कुछ खोने को भी प्यार कहते हैं!
महफिलों में भी वो
और तन्हाइयों में भी वो रहा करती है ,
क्या इश्क़ की हर घडी में
ऐसे ही मोहब्बत रहा करती है।
थोड़ी जल्दी आया करो मिलने के लिए ,
हमारा दिल नहीं बना
तुमसे दूर रहने के लिए।
आना तुम्हारा बहार ले आता है ,
मेरा मन तब मेरा ही ना रह पाता है।
4 चाँद मेरी ज़िंदगी में तब लग जाएँगे,
जब मेरे एहसासों के साथ-साथ
उनके ज़ज़्बात भी जग जाएंगे।
Quotes On Ishq
खुशबू से है वो
जब आसपास भी नहीं होते
फिर भी महसूस होते है।
तुझसे ना मिलने की तड़प
कुछ ऐसी है कि ,
जैसे मेरी सांस में सांस ना हो।
तुम हकीकत-ऐ-इश्क़ हो
या फरेब मेरी आँखों का ,
ना दिल से निकलते हो
ना मेरी ज़िंदगी में आते हो।
वो कहते है कि
भूल जाओ पुरानी बातो को ,
कोई उसे समझाए कि
इश्क़ पुराना नहीं होता ,
इश्क़ का समुन्दर भी क्या समुन्दर ,
जो डूब गया वो इश्क़
और जो बच गया वो दीवाना।
इश्क़ का रोग कुछ ऐसा लगा है ,
कि लोग क्या कहेंगे
अब मतलब नहीं रहा है।
मैं भी हुआ करता था वकील इश्क
वालों का कभी नज़रें उससे क्या मिलीं
आज खुद कटघरे में हूँ !
इश्क का तो पता नहीं पर
जो तुमसे है वो किसी और से नहीं !
चाँद मेरी ज़िंदगी में तब लग जाएँगे जब मेरे
एहसासों के साथ-साथ उनके ज़ज़्बात भी जग जाएंगे !
चलते तो हैं वो साथ मेरे
पर अदाज देखिए जैसे की इश्क
करके वो एहसान कर रहें है !
खुशबू से है वो जब आसपास भी नहीं होते
फिर भी महसूस होते है।
मेरे इश्क़ से मिली है तेरे हुस्न को ये शौहरत
तेरा ज़िक्र ही कहाँ था मेरी दीवानगी से पहले !
इश्क में जिसने भी बुरा हाल बना रखा है,
वही कहता है अजी इश्क में क्या रखा है !
कुछ तो शराफत सीख ले मोहब्बत तू शराब से
बोतल पर कम से कम लिखा तो होता है
कि मैं जानलेवा हूं
रब ना करें इश्क की कमी किसी
को सताए प्यार करो उसी से
जो तुम्हें दिल की हर बात बताए
इश्क की गहराईयों में खूबसूरत क्या है
एक मैं हूँ एक तुम हो और ज़रुरत क्या है !
इस कदर ये इश्क़ ऐसी साजिशें रचता है
कि मेरे चेहरे में उसका चेहरा दिखता है !
मुक़म्मल ना सही अधूरा ही रहने दो
ये इश्क़ है कोई मक़सद तो नहीं !
इश्क़ ने ग़ालिब निकम्मा कर दिया
वर्ना हम भी आदमी थे काम के!
इश्क का तो पता नहीं पर
जो तुमसे है वो किसी और से नहीं !
सितारों से आगे जहाँ और भी हैं
अभी इश्क़ के इम्तिहाँ और भी हैं!
हम एस कदर तुम पर मर मिटेंगे
तुम जहाँ देखोगे तुम्हे हम ही दिखेंगे!
इश्क़ नाज़ुक मिज़ाज है बेहद
अक़्ल का बोझ उठा नहीं सकता!
तुम्हारे इश्क़ का मौसम
हर मौसम से सुहाना होता है !
राह ए दूर ए इश्क़ में रोता है क्या
आगे आगे देखिए होता है क्या!
क्या कहूँ तुमसे मैं क्या है इश्क
जान का रोग है बला है इश्क!
कोई समझे तो एक बात कहूँ
इश्क़ तौफ़ीक़ है गुनाह नहीं!
किसी ने पूछा कभी इश्क हुआ था
हम मुस्कुरा के बोले आज भी है!
अच्छा सुनो तुम अपना जरा ध्यान रखना
अभी मौसम बीमारी का भी हैं और इश्क का भी!
आग थे इब्तिदा ए इश्क़ में हम
अब जो हैं ख़ाक इंतिहा है ये!
आज तो बेसबब उदास है दिल इश्क होता तो कोई बात भी थी ।
खुदा तू इश्क न करना
वरना बहुत पछतायेगा
हम तो मर के तेरे पास आयेंगे
तू कहाँ जायेगा!
जज़्बा ए इश्क़ सलामत है तो इंशा अल्लाह
कच्चे धागे से चले आएँगे सरकार बंधे!
ज़मीन से आसमान तक
इश्क़ का ही बोल बाला है
इश्क़ के करने का लेकिन
सभी का ढंग निराला है!
तुझसे इश्क़ कर के ये यक़ीन हुआ की
इबादत के लिए ख़ुदा का मिलना ज़रूरी नहीं है!
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