200+ Allah Shayari (अल्लाह शायरी) - Khuda Shayari

हेलो दोस्तों, आज की इस पोस्ट में हम अल्लाह की इबादत शायरी लेकर आये है। हम सब अल्लाह के बंदे है। जिस बन्दे को अल्लाह पर भरोषा होता हैं उसे दुनिया की कोई भी चीज़ हरा नहीं सकती। इस लिए आज की इस पोस्ट में हमने अल्लाह पर शायरी शेयर की है। उम्मीद है कि आपको यह पोस्ट पसंद आएगी। 

अल्लाह शायरी

200+ Allah Status, Shayari & Quotes (अल्लाह शायरी) - Khuda Shayari

फ़रिश्ते हश्र में पूछेंगे पाक-बाज़ों से

गुनाह क्यूँ न किए क्या

ख़ुदा ग़फ़ूर न था !!


एक मुद्दत के बाद हमने ये

जाना ऐ खुदा

इश्क तेरी ज़ात से सच्चा है

बाकी सब अफ़साने !!


अल्फ़ाज़ों में क्या बयां करें अपनी

मोहब्बत के अफ़साने

हमारे में तो तुम ही हो तुम्हारे

दिल की खुदा जाने !!


मीर बंदों से काम कब निकला

माँगना है जो कुछ ख़ुदा से माँग !!


मोहब्बत कर सकते हो तो खुदा से करो

मिटटी के खिलौनों से कभी

वफ़ा नहीं मिलती !!


आंसू वो खामोश दुआ है

जो सिर्फ खुदा ही सुन

सकता है !!


या अल्लाह मुझे वो सब्र अत फरमाइए,

जिसके बाद कभी मेरा हौसला न टूटे।


मैंने अपनी औकात को करीब से देखा है,

तो पता चला की चाँद सांसे है और वो भी अल्लाह की मोहताज है।


अल्लाह ताला फरमाते है की ए मेरे बन्दे!

आज तू मेरे थोड़े दिए पर राजी हो गया,

तो कल में तेरे थोड़े आमलों पर राज़ी हो जाऊंगा।


जिस माँ ने जन्म दिया है,

वो इतना प्यार करती है,

तो जिस रब ने हमें बनाया है,

वो कितना प्यार करता होगा।


पैसो की अमीरी तो आम है,

दिल की अमीरी अल्लाह किसी किसी को देता है।


खुदा की इबादत में जो मिलती है डिश्नगी,

खुदा की कसम वो लफ्ज़ो में बयां हो ही नहीं सकती।


मेरा इश्क़ ले गया मुझे मेरे अल्लाह के करीब,

तुझे पाने की ज़िद्द में मेने सजदे बढ़ा दिए।


साल भर तड़पता रहा वो मुफ़लिस भूख से,

आज बहोत फख्र से कहता है, वो रोज़े से है।!।


सदक़ा हर बला को टाल देता है,

अल्लाह की राह में खर्च करने वाला,

कभी मोहताज़ नहीं होता।


बहोत खूबसूरत लोगो से नवाज़ा है मेरे अल्लाह ने मुझे,

जो कभी भूल से कोई खता हो गई हो तो माफ़ करना यारो।


मैं जब भी गिड़गिड़ाता हूँ,

तो ऐसा लगता है की मेरा अल्लाह मेरे पास बैठे है

और मेरे दर्द को सुन रहे है।


इसबार फिर से मोहब्बत की है,

और यकीनन इसबार उम्मीद नहीं टूटेगी,

क्युकी इस बार इंसान से नहीं,

अल्लाह से मोहब्बत की है।


इलाही नहीं है कोई “तबीब” सिवाय तेरे,

फ़क़्र ए गम है ‘वाहिद आसरा तू’


या अल्लाह मैंने आपको नहीं देखा, फिर यह कैसा रिश्ता है, दर्द कैसा ही क्यों ना हो याद हमेशा तेरी ही आती है।।


जहां इश्क की बात आती है वो सिर्फ मेरा अल्लाह ही अल्लाह आता है।।


दूसरों की तकलीफ का अंदाजा जब होता है तो फिर अपनी तकलीफ छोटी लगती है अल्हम्दुलिल्लाह अल्लाह ने जैसा भी रखा है बहुत अच्छा रखा है।।


अल्लाह फरमाता है तू करता वो है जो तू चाहता है फिर होता वो है जो मैं चाहता हूं तू वो कर जो मैं चाहता हूं फिर होगा वो जो तू चाहता है।।


अल्लाह के घर देर जरूर है मगर अंधेर नहीं।।


दौलतमंद की आजिज़ी, जवानी की इबादत, गरीब की सखावत, गुनहगार की तौबा, अल्लाह को बहुत पसंद है।।


जो शख्स अपने गुस्से को रोकेगा अल्लाह कयामत के दिन उससे अपना अजब रोक देगा।।


बदला लेने वालों से मत डरो हमेशा माफ करने वालों से डरो क्योंकि उनका बदला अल्लाह लेता है।।


मुश्किल चाहे जितनी बड़ी हो अगर तुम सोचते हो कि अल्लाह तुम्हारे साथ है तो जीत तुम्हारी ही होगी।।


उम्मीद और ख्वाहिश लोगों से नहीं अल्लाह से की जाती है।।


सर झुकाने से सुकून मिलता है,

इबादत से चेहरे पे नूर खिलता है,

कोई खाली नहीं लौटा,

कभी आपके दर से,

वो अल्लाह ही है जो हर दुआ क़ुबूल करता है।


ऐसी अज़मत है मेरे रब की,

उसकी इबादत सुकून और

उसपर भरोसा हिम्मत देता है।


ये मत कहो खुदा से मेरी मुश्किल बड़ी है,

इन मुश्किलों से कह दो मेरा खुदा तुम सब से बड़ा है।


बात सजदों की नहीं नियत की है,

मयखाने में हर कोई शराबी और मस्जिद में हर कोई नमाज़ी नहीं होता।


अल्लाह पर भरोसा रखो,

जिस से वो मोहब्बत करता है,

उसी का इम्तेहान भी लेता है।


जब मेरा अल्लाह “Kun” कह देता है

तो फिर इन ज़मीनी खुदाओ का ज़ोर नहीं चलता।


खुदा की आज़माइश के वक़्त सब्र रखोगे तो,

दुआओ में असर भी जल्दी आएगा।


दुनिया की ठोकरों से एक सबक तो सीख लिया है,

की हर मुश्किल का हल सजदा-ए-खुदा में छुपा है।


अपने रब से रोकर मांग लिया करो,

वो किसी के रोने पर हस्ता नहीं है।


और बेशक अल्लाह ताला के फैसले

हमारी ख्वाहिश और आरज़ू से बेहतर होते है।


इबादत करते वक़्त पर मांगी हुई दुआ,

कभी रद्द नहीं होती, बस सही वक़्त पर क़ुबूल होती है।


जिस्म को सवार के तुम्हे क्या मिल जायगा,

अपनी रूह को सवारों तुम्हे खुदा मिल जायगा।


कभी-कभी इंसान इतना थक जाता है वो अपनी बातें अल्लाह से करना चाहता है।।


बड़े घर और बड़े दिल का क्या करना जब वो अल्लाह के जिक्र से ही खाली हो।।


नसीब बेशक अल्लाह के हाथ में है लेकिन दुआ का इख्तियार उसने इंसान को दिया है।।


अपनी जिंदगी ऐसे जियो कि अल्लाह को पसंद आ जाओ बंदों की पसंद तो रोज बदल जाती है।।


तुम्हारी हिमायत और मदद के लिए अल्लाह ही काफी है।।


एक मस्जिद की दीवार पर क्या खूबसूरत बात लिखी थी अगर तुम गुनाह करते करते थक गए हो तो अंदर आओ अल्लाह की  रहमत अभी थकी नहीं।।


अल्लाह से मांग कर तो देखो वो किसी को रुसवा नहीं करता।।


सारी दुनिया के लोग हमें अपने फायदे के लिए चाहते हैं बस एक अल्लाह ही है जो हमें  हमारे फायदे के लिए चाहता है।।


अल्लाह सबकी सुनता है, बस मायूस मत होना वो एक दिन हम सब को बुलाएगा अपने घर।।


दुआ किया करो और दुआ के साथ सबर भी किया करो क्योंकि अल्लाह सबकी सुनते हैं पर किसी किसी को सबर के लिए भी चुनते हैं।।


एक अल्लाह ही हमारे लिए काफी है और वो बेहतरीन करसाज है।।


मुझ को ख़्वाहिश ही ढूँडने की न थी

मुझ में खोया रहा ख़ुदा मेरा !!

Allah Status Images For WhatsApp

सलीक़ा ही नहीं शायद उसे

महसूस करने का

जो कहता है ख़ुदा है तो नज़र

आना ज़रूरी है !!


बहुत तंग हूं ज़िंदगी से

ए खुदा या उससे मिला दे

या अपने पास बुलाले !!


ख़ुदा से माँग जो कुछ माँगना

है ऐ अकबर

यही वो दर है कि ज़िल्लत

नहीं सवाल के बाद !!


मोहब्बत की आजमाइश दे दे कर

थक गया हूँ ऐ खुदा

किस्मत मे कोई ऐसा लिख दे

जो मौत तक वफा करे !!


121 करोड़ की आबादी में

एक शख्स अच्छा लगा

अगर वो भी न मिले तो

ऐ खुदा शिकवा तो बनता है !!


वफ़ा जिस से की बेवफ़ा हो गया

जिसे बुत बनाया ख़ुदा हो गया !!


सुनकर ज़माने की बातें तू अपनी

अदा मत बदल

यकीं रख अपने खुदा पर यूँ बार बार

खुदा मत बदल !!


खुदा ने पूछा क्या सजा दू

तेरे प्यार को

दिलसे आवाज आई मुझसे मोहब्बत

हो जाए मेरे यार को !!


इस भरोसे पे कर रहा हूँ गुनाह

बख़्श देना तो तेरी फ़ितरत है !!


हम मुतमईन है उस की रजा के बगैर भी

हर काम चल रहा है खुदा के बगैर भी !!


किताब सी शख्सियत दे ए मेरे खुदा

सब कुछ कह दू खामोश रहकर !!


आता है दाग़-ए-हसरत-ए-दिल

का शुमार याद

मुझ से मेरे गुनह का हिसाब

ऐ ख़ुदा न माँग !!


दुनिया में कोई इतनी शिद्दत से किसी का इंतजार नहीं करता जितना अल्लाह अपने बंदे की तौबा का इंतजार करते हैं।


तुम नमाज कायम करो अल्लाह तुम पे अपनी रहमत कायम करेंगे।


अगर तुम एक सफल जिंदगी चाहते हैं तो अपने मां बाप की इज्जत और देखभाल करो।


वह दिन कभी मत दिखाना मेरे मालिक कि मुझे अपने आप पर गुरुर हो जाए, रखना मुझे सब के दिलों में की हर कोई दिल से दुआ दे जाए।


हवा अगर मौसम का रुख बदल सकती है तो दुआएं मुसीबत के पल बदल सकती है।


दुआओं का कोई रंग नहीं होता लेकिन जब यह रंग लाती है तो जिंदगी रंगों से भर जाती है।


इश्क न हुआ कोहरा हो जैसे तुम्हारे सिवा कुछ भी दिखता ही नहीं।


मुझे खुदा के इन्साफ पर उस दिन यकीन हो गया जब मैंने अमीर और गरीब का एक जैसा कफ़न देखा।


ऐ सनम जिस ने तुझे चाँद सी सूरत दी है उसी अल्लाह ने मुझ को भी मोहब्बत दी है।


कर लेता हूँ बर्दाश्त तेरा हर दर्द इसी आस के साथ की खुदा नूर भी बरसाता है आज़माइशों के बाद।


इश्क किया या खता खुदा जाने तुम्हारे पास वक्त नहीं हमारे पास तुम नहीं।


सामने है जो उसे लोग बुरा कहते हैं

जिस को देखा ही नहीं उस

को ख़ुदा कहते हैं !!


वो पहले सा कहीं मुझको

कोई मंज़र नहीं लगता

यहाँ लोगों को देखो अब ख़ुदा

का डर नहीं लगता !!


नहीं बदल सके हम खुद को

औरों के हिसाब से

एक लिबास मुझे भी दिया है खुदा

ने अपने हिसाब से !!


आशिक़ी से मिलेगा ऐ ज़ाहिद

बंदगी से ख़ुदा नहीं मिलता !!


मुझे खुदा के इन्साफ पर उस दिन

यकीन हो गया

जब मैंने अमीर और गरीब का एक

जैसा कफ़न देखा !!


इश्क न हुआ कोहरा हो जैसे

तुम्हारे सिवा कुछ भी दिखता ही नहीं !!


ऐ सनम जिस ने तुझे चाँद सी

सूरत दी है

उसी अल्लाह ने मुझ को भी

मोहब्बत दी है !!


कर लेता हूँ बर्दाश्त तेरा हर

दर्द इसी आस के साथ

की खुदा नूर भी बरसाता है

आज़माइशों के बाद !!


इश्क किया या खता खुदा जाने

तुम्हारे पास वक्त नहीं

हमारे पास तुम नही !!


ख़ुदा ऐसे एहसास का नाम है

रहे सामने और दिखाई न दे !!


बंदगी हमने छोड़ दी ए फ़राज़

क्या करें लोग जब

ख़ुदा हो जाएँ !!


जो भी सीखा है सब भुलाना है

खोज तो खुद की है

खुदा तो बहाना है !!


बस जान गया मैं तेरी

पहचान यही है

तू दिल में तो आता है

समझ में नहीं आता !!


सिर्फ अल्लाह ही है जो एक सजदे से अपना बना लेता है।।


या अल्लाह हर एक इंसान की जिंदगी में उसे कोई ऐसा साथी देना जो उसको दीन के और भी करीब कर दे।।


कभी किसी को नीची नज़र से मत देखो क्यों की तुम्हारी जो हैसियत है ये तुम्हारी क़ाबिलियत नहीं बल्कि तुम पर अल्लाह का करम है।।


तुझे क्या सुनाऊं मेरे अल्लाह तेरे सामने मेरा हाल है तेरी एक निगाह की बात है मेरी जिंदगी का सवाल है।।


या अल्लाह मुझे बेहतरीन शख्स बना दे।।


दुनिया की मुहब्बत  से अल्लाह नहीं मिलता लेकिन अल्लाह की मुहब्बत से दुनिया और जन्नत दोनों मिल जाती है।।


अल्लाह को वो आंसू बहुत पसंद है जो उसकी याद में निकले।।


मेरे अल्लाह मुझे मेरी मौत के वक्त कलमा नसीब करना– आमीन।।


ना जहां मांगा है ना आसमां

मांगा है तुझसे ए खुदा मैंने तो

मेरे हिस्से में बस उसे ही मांगा है !!


जग में आ कर इधर उधर देखा

तू ही आया नज़र जिधर देखा !!


उसने महबूब ही तो बदला है

फिर ताज्जुब कैसा

दुआ कबूल ना हो तो लोग खुदा

तक बदल देते हैं !!


ओ मेरे मसरूफ़ ख़ुदा

अपनी दुनिया देख ज़रा !!


वही रखेगा मेरे घर को बलाओं से महफूज़

जो शज़र से घोंसला गिरने नहीं देता !!


जब सफ़ीना मौज से टकरा गया

नाख़ुदा को भी ख़ुदा याद आ गया !!


हर ज़र्रा चमकता है अनवर-ए-इलाही से

हर सांस ये कहती है हम हैं तो खुदा भी है !!


ना जाने कैसे परखता है मुझे मेरा खुदा

इम्तिहान भी सख्त लेता है ओर मुझे

हारने भी नहीं देता !!


तमाम पैकर-ए-बदसूरती है मर्द की ज़ात

मुझे यक़ीं है ख़ुदा मर्द हो नहीं सकता !!


बड़ी कशमकश है ए खुदा

थोड़ी रहमत कर दे

या तो ख्वाब ना दिखा

या मुकम्मल कर दे !!


रहने दे अपनी बंदगी ज़ाहिद

बे-मोहब्बत ख़ुदा नहीं मिलता !!


किसी को ये खौफ के खुदा न देख ले किसी की ये आरज़ू के खुदा देखता रहे।


सामने है जो उसे लोग बुरा कहते हैं जिस को देखा ही नहीं उस को ख़ुदा कहते हैं।


वो पहले सा कहीं मुझको कोई मंज़र नहीं लगता यहाँ लोगों को देखो अब ख़ुदा का डर नहीं लगता।

Khuda quotes in hindi

नहीं बदल सके हम खुद को औरों के हिसाब से एक लिबास मुझे भी दिया है खुदा ने अपने हिसाब से।


अल्लाह ने हमें हमारे औकात से बहुत ज्यादा दिया है अगर वह हमें हमारी इबादत के बराबर देते तो हमारे पास कुछ ना होता।


जो बंदा किसी को माफ कर देता है, अल्लाह उसके बदले उसकी इज्जत बढ़ा देते हैं।


जिस घर में अल्लाह का जिक्र होता है उस घर में सुकून मोहब्बत बरकत और रहमत बरसती है।


उम्मीदें जब टूटती है तो तब बहुत तकलीफ होती है, लेकिन यह भी सच है हर टूटी हुई उम्मीद हमें हमारे रब से जोड़ती है।


जिंदगी के हर मोड़ पर जहां इम्तिहान होते हैं वही अल्लाह की मदद भी मौजूद होती है।


जरा ये धूप ढल जाए तो हाल पूछेंगे

यह कुछ साए अपने आपको

खुदा बताते हैं !!


अल्लाह अगर तौफ़ीक़ न दे इंसान

के बस का काम नहीं

फ़ैज़ान-ए-मोहब्बत आम सही

इरफ़ान-ए-मोहब्बत आम नहीं !!


खुदा को भूल गए लोग फ़िक्र-ए-रोज़ी में

तलाश रिज्क की है राजिक

का ख्याल ही नहीं !!


नसीब में कुछ रिश्ते अधूरे लिखे होते हैं

लेकिन उन की यादें बहुत खूबसूरत होती है !!


जो चाहिए सो माँगिये अल्लाह से अमीर

उस दर पे आबरू नहीं जाती सवाल से !!


करम जब आला-ए-नबी का शरीक होता है

बिगड़ बिगड़ कर हर काम ठीक होता है !!


उसी का इमान बदल गया है

कभी जो मेरा खुद रहा था !!


अगर कभी आपका दिल बिना वजह ही बेचैन हो जाए तो जान लेना कि आपकी रूह अल्लाह का जिकर मांग रही है।।


जब अल्लाह पर यकीन हो तो कोई भी इंसान मायूस नहीं हो सकता।।


अल्लाह को ऊपर ऊपर तलाश मत करो बल्कि जरा सी अपनी गर्दन झुका कर अपने दिल में ही तलाश करो।।


मेरी नरमी को मेरी कमजोरी मत समझो सिर झुका के चलती हूं तो सिर्फ अल्लाह के खौफ से।।


मेरे  वसीला या रसूल अल्लाह।।


दुआ है जैसे जैसे सूरज निकलता जाए आपकी खुशियों में लजाफ़ा होता जाए और ढलते सूरज के साथ साथ अल्लाह पाक आपका हर दुख मिटाता जाए।।


अल्लाह तुम्हारी तोबा से इतना खुश होता है जैसे कोई अपनी गुमशुदा चीज के मिलने से खुश होता है।।


अल्लाह सब जानता है कि आपके लिए क्या सबसे अच्छा है और उसे कब देना है।।


अल्लाह प्रेमी या प्रेमिका नहीं भेजता वो साथी भेजता है और पति और पत्नी भेजता है।।


दूसरों की कामयाबी पर खुश होना सीखो, अल्लाह आपको भी देने में देर नहीं करेगा।।


वक्त बुरा हो या अच्छा अल्लाह कभी साथ नहीं छोड़ता।।


नमाज पढ़िए और गुनाहों से दूर रहेंगे बेशक अल्लाह आपकी हर परेशानी दूर करेगा –  इंशा अल्लाह।।


सब कुछ हो सकता है तुम बस अल्लाह पर यकीन रखो।।


हमें पता भी नहीं होता कि अल्लाह किस किस मकाम पर हमें गिरने से पहले थाम लेता है।।


मैं दुनिया के अमीर तरीन इंसान हूं क्योंकि मेरे साथ अल्लाह है।।


अल्लाह ने हमें हमारे औकात से बहुत ज्यादा दिया है अगर वह हमें हमारी इबादत के बराबर देते तो हमारे पास कुछ ना होता।।


अल्लाह ही वो बादशाह है जो मांगने पर खुश और ना मांगने पर नाराज होता है।।


या अल्लाह तेरे नाम से ही मैं जीता हूं तेरे नाम पर ही मैं मरता हूं।।


अल्लाह से ताल्लुक जोड़ें रखो वो किसी से तुम्हारा ताल्लुक टूटने नहीं देगा।।


सबसे अच्छी जिंदगी वो बसर करते हैं जो अपनी जरूरत पूरी करने के लिए अल्लाह के सिवा किसी और पर भरोसा नहीं करते।।


अल्लाह भी इंसाफ करने वाला है जो किसी का दिल दुखता है, जो किसी को तकलीफ देता है, वो खुद भी कभी खुश नहीं रह सकता,  उसका किया एक ना एक दिन उसके सामने जरूर आता है और यही अल्लाह का इंसाफ है।।


मुश्किलें अपना हल साथ लेकर आती है बंदे को अल्लाह पर भरोसा होना चाहिए।।


और क्या पता अल्लाह को तुम्हारा  सबर इतना पसंद आ जाए कि वो तुम्हारी मांगी हुई हर दुआ पर कुन कह दे।।


जो बंदा किसी को माफ कर देता है, अल्लाह उसके बदले उसकी इज्जत बढ़ा देते हैं।।


जब अल्लाह तुम्हें गहरी खाई के किनारे पर लाकर खड़ा कर दे, तो उस पर यकीन रखो क्योंकि दो चीजें हो सकती है या तो वो तुम्हें थाम लेगा या तुम्हें उड़ना सिखा देगा।।


सिर्फ अल्लाह है जिससे जितना झुककर मोहब्बत मांगी जाये उतनी ही बुलंदी नसीब होती है।।

"अल्लाह की नेमतों पर शायरी"

या अल्लाह हमारे दुखी दिलों को सुकून अता फरमा।।


कभी कभी ज़िन्दगी उस जगह आ पहुँचती है के आगे कोई रास्ता नहीं और वापसी का कोई  तसव्वुर नज़र नहीं आता. फिर मोज़ेज़े होते हैं, दुआओं से और फिर “कुन फ या कुन” से तकदीर बदल जाती है. बस सब्र और अल्लाह पर भरोसा ज़रूरी है।।


गम और मुश्किलात सिर्फ अल्लाह ता आला को बताया करो इस यक़ीन के साथ कि वह तुम्हें जवाब भी देगा और तुम्हारी तकलीफ दूर कर देगा।।


हम रोजाना इनबॉक्स खोलते हैं कि हमारे दोस्त ने कौन सा मैसेज भेजा है लेकिन क्या हम रोजाना कुरान खोलते हैं कि अल्लाह ने हमें कौन सा मैसेज दिया।।


ए खुदा अगर यही

होता रहा तो किधर जाएंगे

ये तेरे बंदे तेरे ही दोनो

के हाथ मर मारे जाएंगे..!


मोहब्बत कि इससे

बड़ी मिसाल क्या होगी कि

मेरा खुदा मेरे लिए दुआ मांगता है..!


मोहब्बत का मतलब

हमने इतना ही जाना है

एक को चाहा है और

उसी को खुदा माना है..!


तेरी किस्मत मेरी किस्मत जैसी है

और तू मेरी परछाई है

ना जाने इस सच्चाई ने भी

कितनी तकलीफ दिलाई है..!


ढूंढता हूं हर लम्हे में मैं उसको

एक ही लम्हा मुझसे वो जुदा ना हुआ

क्या मिला सजदे में सर झुका के

यदि दिल में खुदा ना हुआ..!


कश्तियाँ सब की किनारे पे पहुँच जाती हैं

जिन का कोई नहीं उन का ख़ुदा होता है !!


मिट जाए गुनाहों का तसव्वुर ही जहाँ से

अगर हो जाये यकीन के खुदा देख रहा है !!


किसी को ये खौफ के खुदा न देख ले

किसी की ये आरज़ू के खुदा देखता रहे !!


बाद मरने के मिली जन्नत

ख़ुदा का शुक्र है

मुझको दफ़नाया रफ़ीक़ों

ने गली में यार की !!


धीरे धीरे अपना बना रहा है कोई

प्यार के सुहाने सपने दिखा रहा है कोई

ए खुदा ये सच्ची मुहब्बत है य़ा चुना

लगा रहा है कोई !!


इतना ख़ाली था अंदरूँ मेरा

कुछ दिनों तो ख़ुदा रहा मुझ में !!


हैरान हूँ तेरा इबादत में

झुका सर देखकर

ऐसा भी क्या हुआ जो

खुदा याद आ गया !


पूजा था जिसको वो खुदा

ना बन सका

इबादत करते करते हम

फ़कीर बन गए !!


अपना तो आशिकी का

किस्सा-ए-मुख़्तसर है

हम जा मिले खुदा से दिलबर

बदल- बदल कर !!


फकीर मिजाज़ हूं मैं अपना अंदाज

औरो से जुदा रखता हूं

लोग जाते है मंदिर मस्ज़िद में

अपने दिल में खुदा रखता हूं !!


लौट आती है हर बार दुआ मेरी खाली

जाने कितनी ऊंचाई पर खुदा रहता है !!


प्यार का तो पता नहीं पर खुदा

एक दोस्त ऐसा दे

जो मोहब्बत को भी मात दे दे !!


गुनाह गिन के मैं क्यूँ अपने

दिल को छोटा करूँ

सुना है तेरे करम का कोई

हिसाब नहीं !!


लाख ढूंढें गौहर-ए-मक़सूद

मिल सकता नहीं

हुक्म खुदा का न हो तो पत्ता

भी हिल सकता नहीं !!


सब लोग अपने अपने ख़ुदाओं

को लाए थे

इक हम ही ऐसे थे कि हमारा

ख़ुदा न था !!


तेरा करम तो आम है दुनिया के वास्ते

मैं कितना ले सका ये मुकद्दर की बात है !!


सब्र इतना रखो की इश्क़

बेहूदा ना बने

खुदा मेहबूब बन जाए पर

महबूब खुदा ना बने !!


अच्छा यक़ीं नहीं है तो कश्ती डुबा के देख

इक तू ही नाख़ुदा नहीं

ज़ालिम ख़ुदा भी है !!


हम ख़ुदा के कभी क़ाइल ही न थे

उन को देखा तो ख़ुदा याद आया !!


अगर तेरी ख़ुशी है तेरे बंदों की मसर्रत में

तो ऐ मेरे ख़ुदा तेरी ख़ुशी से कुछ नहीं होता !!


गम और मुश्किलात सिर्फ अल्लाह ता आला को बताया करो इस यक़ीन के साथ कि वह तुम्हें जवाब भी देगा और तुम्हारी तकलीफ दूर कर देगा।


मायूस वह होता है जो अल्लाह पर यकीन नहीं रखता और मेहरूम वह होता है जो अल्लाह की नेमतों का शुक्र अदा नहीं करता।


यकीन ऐसा होना चाहिए की सामने समंदर हो और तुम कहो कि नहीं मेरा रब रास्ते बनाएगा।


जिनके मन के आईने उजले हो उनके मुकद्दर कभी धुंधले नहीं होते।


हम जो खो देते हैं कुदरत उससे पहले ही बेहतरीन चुनकर हमारे लिए रखती है बशर्ते अल्लाह पर यकीन कामिल होना चाहिए।


जब अल्लाह तुम्हें गहरी खाई के किनारे पर लाकर खड़ा कर दे, तो उस पर कामिल यकीन रखो क्योंकि दो चीजें हो सकती है या तो वो तुम्हें थाम लेगा या तुम्हें उड़ना सिखा देगा।


अल्लाह कभी दूसरा दर खोले बगैर पहला दर बंद नहीं करता।


जब मुझे पता चला कि मखमल के बिस्तर पर सोने वाले और जमीन पर सोने इन्सान के ख्वाब एक जैसे होते हैं तब मुझे अल्लाह के इंसाफ पर यकीन आ गया।


कश्तियाँ सब की किनारे पे पहुँच जाती हैं जिन का कोई नहीं उन का ख़ुदा होता है।


मिट जाए गुनाहों का तसव्वुर ही जहाँ से अगर हो जाये यकीन के खुदा देख रहा है।

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